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Ukrain: पुतिन आप युद्ध नहीं जीत पाओगे, यूक्रेन को छोड़ दो

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Ukrain War: पुतिन आप यह युद्ध नहीं जीत पाओगे, यूक्रेन को अकेला छोड़ दो- यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा


यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने अंतरराष्ट्रीय जगत के साथ साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी आग्रह किया है कि पुतिन से बात कर संघर्ष विराम करने के लिए दबाव बनाएं। कुलेबा ने राष्ट्रपति पुतिन से स्वयं भी अपील किया। कुलेबा ने अंतरराष्ट्रीय जगत को यह भी जताने की कोशिश किया है कि यूक्रेन कैसे विदेशियों के लिए फ्रेंडली नेशन रहा है। पूरे दुनिया ने यूक्रेन से खाद्यान्न की आयात किया तथा यूक्रेन सबके साथ मिलकर काम करता रहा है।

इसी बीच पोलैंड पहुँचने के बाद यूक्रेन-पोलैंड बॉर्डर पर कुलेबा और अमरीकी विदेश मंत्री ब्लिंकेन  के साथ मीडिया के सामने आकर संदेश दिया कि ‘हम साथ साथ हैं’

कुलेबा ने ट्वीट कर कहा: यूक्रेन-पोलिश सीमा पर मेरे अमेरिकी समकक्ष और मित्र अमरीकी विदेश मंत्री ब्लिंकेन  से मुलाकात की। हमने यूक्रेन के लिए आवश्यक हथियारों की आपूर्ति, प्रतिबंधों की दक्षता सुनिश्चित करने और दबाव बढ़ाने के तरीकों पर बातचीत की। पुतिन को यूक्रेन पर अपने व्यर्थ और बर्बर युद्ध को रोकना चाहिए।

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने संघर्ष विराम की अपील करते हुए कहा:


पुतिन आप यह युद्ध नहीं जीत पाओगे

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने संघर्ष विराम की अपील करते हुए कहा: पुतिन, यूक्रेन को अकेला छोड़ दो, आप यह युद्ध नहीं जीतेंगे। यह रूसियों के जीवन को बचाने और इस रक्तपात को समाप्त करने का समय है। पहले से ही 113 कंपनियां हैं जिन्होंने रूस में और रुस के साथ काम करना बंद कर दिया है। मैं उनके फैसलों की सराहना करता हूं।

मानवीय गलियारे और युद्धविराम मौजूद नहीं हैं क्योंकि रूसी बलों ने मानवीय गलियारों की व्यवस्था के लिए सुबह हुए समझौते का उल्लंघन किया है। हम रूस से विदेशी छात्रों सहित नागरिकों को निकालने की अनुमति देने के लिए शूटिंग बंद करने का आग्रह करते हैं।

यूक्रेन पर विदेशी छात्रों को बंधक बनाकर रखने, उनके अधिकारों का उल्लंघन करने, उनके साथ भेदभाव करने का आरोप लगाकर रूस इन देशों की सहानुभूति जीतने की कोशिश कर रहा है, लेकिन फिर से, 30yrs के लिए यूक्रेन आपके छात्रों के लिए एक वास्तविक घर था, यह जारी है।

यदि रूस विदेशी छात्रों के मामले में हेरफेर करना बंद कर देता है और आग रोक देता है, तो उन सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।  मैं भारत, चीन और नाइजीरिया की सरकारों से अपील करता हूं कि रूस से आग बंद करने और नागरिकों को जाने की अनुमति देने की अपील करें।


यूक्रेन 30 सालों से विदेशी छात्रों का घर रहा है

30 सालों से यूक्रेन अफ्रीका, एशिया के हजारों छात्रों के लिए एक स्वागत योग्य घर रहा है। उनके (विदेशी छात्रों के) आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए, यूक्रेन ने ट्रेनों की व्यवस्था की, उनके लिए हॉटलाइन स्थापित की, सभी दूतावासों के साथ काम किया। यूक्रेनी सरकार अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश करती रही।


प्रधानमंत्री मोदी और अंतराष्ट्रीय नेताओं से मदद की अपील

भारत के साथ विशेष संबंधों का आनंद लेने वाले सभी देश पीएम मोदी से अपील कर सकते हैं कि हम उनसे राष्ट्रपति पुतिन से संपर्क करना जारी रखें और समझाएं कि यह युद्ध सभी के हित के खिलाफ है। रूस के लोगों की भी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है और वे युद्ध नहीं चाहते हैं।


खाद्यान्न उत्पादन बंद हो जाएगा

भारत यूक्रेन के कृषि उत्पादों के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है और अगर यह युद्ध जारी रहा, तो हमारे लिए नई फसल बोना मुश्किल होगा। इसलिए, वैश्विक और भारतीय खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में भी, इस युद्ध को रोकना ही सर्वोत्तम हित में है।


भारतीय भी युद्ध रोकने के लिए दबाव बनाएं

साधारण भारतीय भारत में रूसी दूतावास पर दबाव बना सकते हैं कि उनसे युद्ध रोकने की मांग की जाए। यूक्रेन केवल इसलिए लड़ रहा है क्योंकि हम पर हमला किया गया है और हमें अपनी जमीन की रक्षा करनी है, क्योंकि पुतिन हमारे अस्तित्व के अधिकार को ही खत्म करने में लगे हुए हैं।


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