सुब्रमण्यम स्वामी का कोरोना को लेकर सरकार पर निशाना
आज सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर के माध्यम से देश में अंध भक्तों और गंध भक्तों से सवाल करते हुए सरकार पर सीधा निशाना साधा है।
उन्होंने ट्वीट के माध्यम से पूछा है कि जब कोरोनावायरस महामारी के मामले अप्रैल 2020 तक 100,000 दैनिक चल रहे थे और नवंबर तक गिरकर 10,000 हो गए थे। अन्धभक्तों और गंडभक्तों ने किसे श्रेय दिया? क्या अब मामले फिर से 100,000 तक बढ़ गए हैं? फिर अब क्रेडिट का दावा कौन करेगा?
ज्ञात हो की यही अंधभक्त और गंधभक्त हर बार प्रधानमंत्री मोदी को सुपर ह्यूमन साबित करने में लगे रहते हैं। यह बात अलग है प्रधानमंत्री हर बार अपने किए गए दावे में फेल होते हैं।
सरकार की संवेदनहीनता
देश में कोरोना मरीज की संख्या बढ़ती जा रही है सरकार तथा विपक्षी दल चुनाव में बड़े-बड़े रैलियां कर रही है।
हद तो तब हो गई जब असम के एक मंत्री पत्रकार के सवालों को जवाब देते हुए बोला कि असम में कोरोना नहीं है। असम में मास्क लगाने की जरूरत नहीं है। अगर लोग मास्क लगाएंगे तो ब्यूटी पार्लर कैसे चलेगा?
इससे पहले भी कई बार श्री रामदास अठावले ने करो ना को अपने मंत्र ' गो कोरोना गो' से भगाने का दावा किया था। लेकिन कुछ दिन पहले पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि आप ने दावा किया था कि हमारे मंत्र से करो ना चला गया तो फिर वापस कैसे आ गया?
इस पर अठावले जी ने कहा कि मैं फिर से अपना मंत्र पढ़कर करो ना को भगा दूंगा।
चीन से तुलना
इस देश का हर एक नागरिक जो अपने देश की और अपने देश की जनता की चिंता करता है वह इस तरह के सवाल उठाएंगे।
इस देश की सरकार कोरोना को कंट्रोल करने में नाकाम रही है।
चीन की आबादी 144 करोड़ है और अब तक कोरोना मरीज की संख्या मात्र 90273 है.
भारत की आबादी 139 करोड़ है और कोरोना मरीज की संख्या 1,24,85,509 है।
यह आंकड़ा चीख चीखकर गवाही दे रहा है कि भारत सरकार कोरोना रोकने में नाकामयाब रही है।
यह पहली मर्तबा नहीं है, इससे पहले भी स्वामी जी ने चीन के मामले में प्रधानमंत्री के झूठ के ऊपर सवाल उठाए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि 'वहां कोई हमारी सीमा में घुस आया है और न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है
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