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कोरोना Corona रोकने में मोदी सरकार फेल | आखिर चूक कहाँ हुई?


ताली ताली घंटी बजाते हुए लोग

ताली ताली घंटी बजाकर जश्न

कोरोना के लिए भारत की शुरुआती तैयारी

जैसा कि मालूम है 31 दिसंबर 2019 को चीन ने डब्ल्यूएचओ को पहली बार एक निमोनिया के लक्षण वाले अज्ञात बीमारी के बारे में अवगत कराया। इस बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं था और डब्ल्यूएचओ ने इस पर काम करना शुरू कर दिया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 30 जनवरी 2020 को अंतर्राष्ट्रीय जगत को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया और 11 मार्च 2020 को कोरोना वायरस को महामारी के रूप में घोषित किया। तब तक पूरे दुनिया में लोग एक देश से दूसरे देश में सफर करते रहे। हमारे भारत देश में किसी को कहीं आने जाने पर पाबंदी नहीं थी। ‌

तब तक दुनिया के कई देशों में लॉकडॉन की घोषणा कर दी थी। यूरोपीय देशों में बड़ी संख्या में लोग कोरोना से मर रहे थे तो भारत सरकार इन सबसे बेखबर कोरोना रोकने के लिए युद्ध स्तर पर काम नहीं कर रही थी।

भारत सरकार ने 23 मार्च 2020 को देश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की। 

खुशी की बात यह है कि पहले लॉकडाउन के दौरान लोगों में कोरोना के प्रति काफी भय का वातावरण था जिसके कारण जागरूक लोगों ने स्वयं अपना ख्याल रखा और वायरस से बचते रहे। इन सब सावधानियों के बावजूद भी भारत देश में बहुत सारे लोग कोरोना से संक्रमित हुए और काफी लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। 

लॉकडाउन खोलने की शुरुआत

भारत सरकार ने 1 जून 2020 से धीरे-धीरे लॉकडाउन खोलने का निर्णय लिया। 

इस बीच सरकार ने भी अपने सरकारी कार्यक्रम की शुरुआत कर दी। राममंदिर का शिलान्यास, बिहार चुनाव और 2021 में पांच राज्यों में चुनाव ‌। 

लॉकडाउन में मजदूर सड़क पर

लॉकडाउन में मजदूर सड़कों पर
लॉकडाउन में  लोग घर जानेेेे के सड़कों पर

शुरुआत ही गलत हुई / सरकार से चूक कहां हुई?

  • भारत सरकार ने लॉकडाउन का फैसला देर से लिया।

  • लॉकडाउन की घोषणा करते समय ही लोगों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए थी ताकि जो भी लोग हैं जहां है वहीं रुक जाए। इस तरह की घोषणा चीन ने किया था और लोगों को सख्त लॉकडाउन का नियम पालन करने के लिए कहा था। इसके कारण आज भी चीन में कोरोना मरीज की संख्या कुल संख्या 91000 के नीचे है मरने वालों की संख्या 5000 के नीचे। ‌
  • लोगों ने ताली ताली घंटी बजाने के आहवान को जश्न का रूप दे दिया, भीड़ इकट्ठा कर कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ा दी।
  • लॉकडाउन होने के बाद भी लोगों ने कोरोना नियम का पालन नहीं करते हुए सड़कों पर उतर आए और पैदल ही अपने घर की तरफ चल पड़े। यह खेल पूरे ढाई महीने तक चलता रहा और कोरोना पूरे देश में फैल गया। 
  • लॉकडाउन खोलने के बाद सरकार द्वारा समय-समय पर लोगों को जागरूक ना करना।
  • भारत में वैक्सीन आ जाने के बाद और ज्यादा लापरवाह हो गए और कोरोना नियम का पालन नहीं किया।
  • सरकारी कार्यक्रम की शुरुआत हो जाने के बाद लोगों को लगा कि देश में अब कोरोना खत्म हो गया है।
  • उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या में दीपावली का भव्य आयोजन तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा दिवाली पूजन भी लोगों के कोरोना के प्रति लापरवाही का कारण बना।
  • चुनाव के रैलियों और दुसरे कार्यक्रमों में खुद की छाती पीटना और लोगों को बताना कि "दुनिया के बाकी देश कोरोना रोकने में नाकामयाब रहे और हमारे मोदी जी ने कोरोना पर काबू पा लिया" चुनाव जीतने के लिए लापरवाही पूर्वक दिया गया बयान गलत संदेश दिया और लोग लापरवाह हो गए। उदाहरण के तौर पर 5 नवंबर 2020 को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा चुनावी रैली में दिया गया भाषण देखिए।
  • देश के उच्च पदों पर बैठे हुए लोग बिना मास्क के ही पब्लिक के बीच जाने लगे और बड़े वाले सरकारी कार्यक्रम और चुनावी रैलियां करने लगे। इसका नतीजा यह हुआ कि लोगों के बीच कोरोना का डर खत्म हो गया और लोग ज्यादा से ज्यादा संक्रमित हो गए।
  • चुनावी रैली में नेता द्वारा मास्क ना पहनने के कारण और रैली में कोरोना नियमों का पालन न करने के कारण लोगों में गलत संदेश गया है। लोग दबी जुबान से यह भी कहने लगे कि सरकार जानबूझकर कोरोना फैला रही है। जबकि यह गलत है। उच्च पदों पर बैठे हुए लोग ही अगर सही आचरण नहीं करेंगे तो जनता में गलत संदेश जाता है। इन सब का नतीजा है देश आज बुरे दौर से गुजर रहा है। ‌
  • देश के मीडिया ने कोरोना के बारे में समय-समय पर लोगों को आगाह नहीं किया और उल्टे कोरोना पर काबू पाने के सरकार के गलत दावे को प्रचारित किया।
  • रामदेव द्वारा अपने दवा का दुष्प्रचार भी लोगों को लापरवाह किया। (अगर रामदेव की दवा कितनी कारगर है अभी सामने आकर क्यों नहीं बोलते) आज इतनी संख्या में लोग क्यों बीमार हो रहे हैं।
  • देश में नेताओं, धर्मगुरुओं और मीडिया के द्वारा कोरोना वायरस के ऊपर की गई गलत बयानी भी लोगों को लापरवाह करती चली गई। जबकि डब्ल्यूएचओ ने गलत बयानी के लिए सख्त हिदायत दे रखी है।
चुनावी रैली पिक्चर फ्री डाउनलोड
चुनावी रैली

कोरोना को अभी भी रोका जा सकता है।

सरकार को चाहिए देश के जाने-माने डॉक्टर को मीडिया के सामने आकर लोगो डब्ल्यू एच डी एच ओ की गाइडलाइन पालन करने के लिए कहे।

लोगों में कोरोना के मामले में जो गलतफहमियां है उसको दूर करें।

ज्यादा से ज्यादा प्रचार कर लोगों की अज्ञानता को दूर किया जाना चाहिए।

ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन का टीका लगाया जाएं।

अस्पताल में ज्यादा से ज्यादा कोरोना वायरस से पीड़ित रोगी के लिए आईसीयू बेड, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन और दवाई की व्यवस्था हो। 

एक छोटा लॉकडाउन लगाकर लोगों को और संक्रमण से रोका जा सकता है। इस छोटे लॉकडाउन के दौरान किसी को भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। उनको खाने पीने की जरूरी चीजें घर तक पहुचायी जानी चाहिए। 

एक नागरिक के होने के नाते निवेदन

भारत के लोगों को चाहिए कि मिलजुल कर डब्ल्यूएचओ के गाइडलाइन का पालन करते हुए कोरोना महामारी से लड़ें और मानव जाति की रक्षा करें। 

अब तक तो आपको ज्ञात हो गया होगा कि कोरोना वायरस की कोई जाति नहीं है और यह हर धर्म हर जाति और हर उम्र के लोगों को हो सकता है। ‌ इसलिए कोरोना से बचने के नियमों का पालन करें खुद बचे और लोगों को बचाएं।

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