करेला | Bitter Melon
करेला पूर्णतया एक भारतीय सब्जी है क्योंकि इसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी, यह 14वीं सदी के आसपास भारत से चीन में पहुंची। करेला ज्यादातर सब्जियों एवं अन्य व्यंजनों के रुप में एशियाई देशों में इस्तेमाल किया जाता है।
करेले का उपयोग प्राचीन काल से ही कई बीमारियों को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक औषधी के रूप में किया जाता रहा है।
करेले के गुण
करेले का फल पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। करेले में विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्निशियम, फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। करेला मधुमेह, पित्त, गठिया, त्वचारोग, खाँसी, कुष्ठरोग आदि बीमारियों को दूर और नियंत्रित करने गुणकारी होता है। करेले के सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और वजन को कम करने में भी सहायता मिलती है। करेले की सेवन से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ( इम्यून सिस्टम) मजबूत होता है। प्राचीन काल से ही कच्चे करेले का जूस और सब्जी डायबिटीज और अस्थमा को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है।
करेला के औषधीय इस्तेमाल
1. करेला मधुमेह (डायबिटीज) को नियंत्रित करता है
मधुमेह के रोगियों के लिए करेला एक आयुर्वेदिक दवाई के रूप में काम करता है। डायबिटीज के मरीज को दैनिक भोजन में करेले का इस्तेमाल की हिदायत दी जाती है। करेले का कड़वा जूस इंसुलिन की तरह काम करता है शुगर लेवल को कम करता है। करेले का इस्तेमाल उबालकर, आग में पकाकर, कच्चा, सब्जी, या जूस के रूप में किया जा सकता है। सूखे करेले का पाउडर सुबह खाली पेट लेने से शुगर लेवल और वजन घटाने में मदद मिलती है।
2. करेला पाचन शक्ति को मजबूत करता है
करेला में मौजूद फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल जैसे तत्व पेट की सफाई कर इससे जुड़ी अन्य बीमारियां जैसे कि गैस पेट दर्द, अपच आदि को दूर कर पाचन तंत्र को मजबूत करता है। से भरपूर करेले का सेवन करने पाचन शक्ति मजबूत होती है। इस तरह करेले का सेवन पाचन तंत्र के लिए बहुत उपयोगी है।
3. करेला अस्थमा में फायदेमंद
करेला में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है जो अस्थमा जैसी बीमारी से लड़ने मदद करता है तथा अस्थमा को नियंत्रित करता है। बिना मसाले के उबले करेले का इस्तेमाल कर अस्थमा का घरेलू उपचार किया जाता है।
4 . करेला मोटापा कम करता है
करेले में मौजूद फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट तत्व शरीर से हानिकारक पदार्थ को बाहर निकालकर वजन कम करने में सहायक होता है। करेले के जूस में नींबू का रस मिलाकर सुबह सुबह खाली पेट पीने से पेट की चर्बी कम होती है और मोटापा कम होता है।
5. करेला पथरी गलाने में सहायक
किडनी में पथरी की समस्या से जूझ रहा है लोगों को करेला का उपयोग अपने दैनिक जीवन में करना चाहिए। करेला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल तत्व पथरी को गला कर बाहर निकालने में मदद करता है। घरेलू उपचार में करेले के जूस को साथ में मिलाकर सेवन करने के लिए कहा जाता है।
6. इम्यूनिटी बढ़ाता है
करेले में मौजूद विटामिन ए, सी, फाइबर, मैग्नीशियम, फास्फोरस आदि पोषक तत्व इम्यूनिटी को मजबूत करता है जिससे के हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है। हमारा शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम मौसमी बीमारियों के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों से भी बचाव करता है।
7. करेला भूख बढ़ाता है
जिन व्यक्तियों को भूख ना लगने की समस्या है उनके लिए करेले का सेवन करना फायदेमंद होता है। करेले में मौजूद फास्फोरस पाचन तंत्र को मजबूत कर कब्ज,अपच और एसिडिटी की परेशानी से छुटकारा दिलाता है, जिससे भूख लगती है और आपका शरीर स्वस्थ रहता है।
8. करेला गठिया से छुटकारा दिलाता है
करेले के इस्तेमाल से गठिया की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। करेले के रस को जोरो
गठिया की समस्या से निजात पाने के लिए करेला लाभकारी होता है। करेले के रस से जोड़ों, हाथों व पैरों की मालिश करने गठिया के दर्द से छुटकारा मिलता है।
निष्कर्ष
इस तरह हमने देखा कि करेला में मौजूद विटामिन ए, विटामिन सी, फास्फोरस, मैग्निशियम और एंटीऑक्सीडेंट विभिन्न बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। करेले का इस्तेमाल दैनिक जीवन में करने से मधुमेह से छुटकारा मिलती है। पाचन तंत्र मजबूत होता है, इम्यून सिस्टम मजबूत करता है और मोटापा कम करता है।
करेला में मौजूद विटामिन ए से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
इस तरह करेला औषधीय गुणों से भरपूर भारत में पाई जाने वाली बहुत महत्वपूर्ण सब्जी है।
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