थायरॉइड |Thyroid
थायरॉइड ग्रन्थि में आई गड़बड़ी के कारण ही मानव शरीर में थायरॉइड से संबंधित रोग जैसे Hyperthyroidism या Hypothyroidism होते है।
थायराइड ग्रंथि द्विपिंडक रचना के रूप में हमारे गले में स्वरयंत्र के नीचे Cricoid Cartilage के लगभग समान स्तर पर स्थित होती है। शरीर की चयापचय प्रक्रिया में थायरॉइड ग्रंथि का मुख्य योगदान होता है।
थायरॉइड ग्रंथि क्या है? What is Thyroid?
थाइरॉयड ग्रंथि मानव शरीर में पायी जाने वाली सबसे बड़ी अंत:स्रावी ग्रंथियों में से एक है। थायराइड ग्रंथि मानव शरीर में थायरॉकि्सन (T4), ट्राइ-आयडोथाइरोनीन (T3) और थाइरोकैल्सिटोनीन नामक हार्मोन स्रावित करती है। इन हार्मोन के द्वारा ही शरीर में ऊर्जा की कमी, प्रोटीन का बनना एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है। थाइरॉयड से निकलने वाले हार्मोन चयापचय की दर और कई अन्य शारीरिक तंत्रों के विकास और उनके कार्यों की दर को भी प्रभावित करते हैं। ये हार्मोन कैल्सीटोनिन कैल्शियम साम्यावस्था (कैल्शियम होमियोस्टैसिस) में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। आयोडीन T3 और T4 दोनों का एक आवश्यक घटक है।
थायरॉइड के सामान्य अवस्था में कार्य
थायरॉइड से निकलने वाला थायरॉक्सिन हार्मोन वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है। यह मानव के खून में चीनी, कोलेस्टरोल तथा फास्फोलिपिड का मात्रा को कम कर देता है। थायरॉक्सिन लाल रक्त कोशिका के निर्माण को बढ़ा कर शरीर में खून की कमी की रोकथाम करता है। थायरॉक्सिन हार्मोन हड्डियों, पेशियों, लैंगिक तथा मानसिक वृद्धि को नियंत्रित करता है। यह महिलाओं में दुग्ध बनना को भी बढाता है। थायरॉइड से निकलने वाले थायरॉक्सिन हार्मोन हृदय गति एवं रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
थायरॉइड के विकार
थायरॉइड ग्रंथि में दो तरह के विकार होते हैं:
थायरॉइड ग्रंथि की सबसे सामान्य समस्याएँ थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism) और थायरॉइड ग्रंथि की निम्नसक्रियता (Hypothyrodism) हैं।
थायरॉइड ग्रंथि हाइपोथैलेमस, पीयूष ग्रंथि आदि कारकों द्वारा नियंत्रित होती है। थायरॉइड ग्रंथि की सबसे सामान्य समस्याएँ थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism) और थायरॉइड ग्रंथि की निम्नसक्रियता (Hypothyrodism) हैं। थायरॉइड ग्रंथि की इसी अतिसक्रियता (Hyperthyrodism) के कारण T4 और T3 harmone का आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने लगता है और मानव शरीर, उर्जा का उपयोग जरूरत से अधिक मात्रा में करने लगता है। इसे हाइपर थाइराडिज़्म कहते हैं। जब थायरॉइड पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बना पाती तो मानव शरीर, उर्जा का उपयोग जरूरत से कम मात्रा में करने लगता है। इस अवस्था को हाइपोथायराडिज़्म कहते हैं। ये थायरॉइड के असमान्य अवस्थाएँ किसी भी आयु वाले व्यक्ति में हो सकती है तथा पुरुषों की तुलना में पांच से आठ गुणा अधिक महिलाओं में यह बीमारी हो सकती है।
थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism) के लक्षण
थायरॉइड हार्मोन (Thyroid harmone) की अधिक मात्रा में बनने के कारण हमारे शरीर में चयापचय यानी Metabolis बढ़ जाता है जिस निम्न समस्या उत्पन्न होती है
- घबराहट
- चिड़चिड़ापन
- अधिक पसीना आना
- हाथों का काँपना
- बालों का पतला होना एवं झड़ना
- अनिद्रा (नींद ना आने की परेशानी)
- मांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द रहना
- दिल की धड़कन का बढ़ना
- बहुत भूख लगने के बाद भी वजन घटता है
- महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता देखी जाती है
- ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) हो जाता है जिसकी वजह से हड्डी में कैल्शियम (Calcium) तेजी से खत्म होता है।
अल्पसक्रियता (Hypothyrodism) के कारण
थायरॉइड ग्रंथि की अल्प सक्रियता के कारण Hypothyroidism हो जाता है जिससे मानव शरीर में निम्न परेशानियों हो सकती हैः
- धड़कन की धीमी गति
- हमेशा थकान बने रहना
- अवसाद (Depression)
- सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील होना
- Metabolism धीमा पड़ने के कारण वजन बढ़ना
- नाखूनों का पतला होना एवं टूटना
- पसीने में कमी
- त्वचा में सूखापन आना और खुजली होना
- जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न होना
- बालों का अधिक झड़ना।कब्ज
- आँखों में सूजन
- बार-बार भूलना
- कन्फ्यूजरहना, सोचने-समझने में असमर्थ होनामा
- सिक धर्म में अनियमितता होना। 28 दिन की साइकिल का 40 दिन या इससे अधिक दिन का होना।
- चेहरे और आँखों में सूजन
- खून में कोल्स्ट्रॉल (Cholestrol) का स्तर बढ़ जाना
- महिलाओं में इसके कारण बांझपन आ सकता है।
थायरॉइड के कारण (Causes of Thyroid)
थायरॉइड की बीमारी के निम्न कारणों से हो सकते हैंः
- आपके जीवन में अधिक तनावपूर्ण स्थिति में रहने से थायरॉइड हार्मोन (Thyroid harmone) की सक्रियता पर असर पड़ता है।
- मानव के खान-पान में आयोडीन की मात्रा कम या ज्यादा होने से थायरॉइड ग्रंथियाँ विशेष रूप से प्रभावित होती हैं।
- यह रोग खानदानी (अनुवांशिक) भी हो सकता है। यदि भुतकाल में परिवार के दूसरे सदस्यों को भी यह समस्या रही हो तो इसके होने के संभावना अधिक रहती है।
- महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान थायरॉइड हार्मोन्स में असंतुलन हो सकता है क्योंकि इस समय महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते रहते हैं।
- किन रोगों के कारण थायरॉइड हो सकता है?
निम्न रोगों के कारण भी थायरॉइड की बीमारी हो सकती हैः
हाशिमोटो रोग (Hashimoto’s disease
थायरॉइड ग्रंथि में सूजन (Thyroiditis)
आयोडीन की कमी
ग्रेव्स रोग (Graves–disease)
ग्रेव्स रोग के कारण व्यस्क लोगों में Hyperthyrodism थाइरॉइड बीमारी होता है। इस रोग में शरीर के रोग प्रतिक्षा प्रणाली (Immunity System) ऐसे Antibodies का उत्पादन करने लगती है जो TSH को बढ़ाती है। यह खानदानी (अनुवांशिक) बीमारी है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है।
गण्डमाला रोग (Goitre)
गण्डमाला रोग घेंघा रोग के कारण हो सकती है।
विटामिन बी12 (Vitamin B12)
विटामिन बी12 के कमी के कारण भी Hypothyrodism हो सकता है। विटामिन बी12 के कमी के लक्षण Hypothyrodism के लक्षण से मेल खाते हैं।
थायरॉइड के घरेलू उपचार (Home Remedy for Thyroid)
एलोपैथिक चिकित्सा में थॉयराइड विकार के लिये स्टीरॉइड्स का सेवन कराया जाता है जिसके साइड इफेक्ट होते हैं। इसलिए थायराइड जड़ से खत्म करने के प्राकृतिक चिकित्सा के उपायों पर ध्यान देना सबसे अच्छा माना जाता है। हमारे आस पास कई ऐसी चीजें हैं जिनका रोजाना अपने घरों में खान-पान के रूप में उपयोग करते हैं और यह जानकर आश्चर्य होगा कि इन्हीं चीजों का प्रयोग करने से थायरॉइड रोग में बेहद सुधार होता है।
थायरॉइड को ठीक करने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपचार को आजमा सकते हैंः
अश्वगंधा
अश्वगंधा
रात को सोते समय एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण गाय के गुनगुने दूध के साथ पीने से लाभ मिलता है। अश्वगंधा की पत्तियों या जड़ को भी पानी में उबालकर पी सकते हैं, अश्वगंधा शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन को दूर करता है।
मुलेठी
मुलेठी
मुलेठी का सेवन करने से थायरॉइड में लाभ मिलता है। आयुर्वेदिक शोध के अनुसार मुलेठी में पाया जाने वाला प्रमुख घटक ट्रीटरपेनोइड ग्लाइसेरीथेनिक एसिड Thyroid Cancer Cells को बढ़ने से रोकता है।
तुलसी
तुलसी
तुलसी के प्रयोग से थायरॉइड का उपचार कर सकते हैं, इसके लिए दो चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच ऐलोवेरा जूस मिला कर सेवन करने से लाभ मिलता है।
हरी धनिया
हरी धनिया को पीसकर एक गिलास पानी में घोल कर सेवन करने से लाभ होता है।
हल्दी युक्त दूध
प्रतिदिन दूध में हल्दी पका कर पीने से थायराइड के बीमारी में सुधार होता है।
अलसी (Flaxseed)
अलसी (Flaxseed)
थायरॉइड रोग में अलसी (Flaxseed) का इस्तेमाल करना काफी फायदेमंद माना जाता है. अलसी के पाउडर को जूस या पानी में मिलाकर पीने से थायराइड बीमारी में आराम मिल सकता है।
अदरक
अदरक
अदरक में प्राकृतिक रुप से एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो मानव को कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है. अदरक को दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. अदरख सर्दी-खांसी और वायरल बीमारी के साथ साथ थायरॉइड की समस्या को कम करने में भी मदद करता है।
नारियल तेल
नारियल तेल में बने खाने का इस्तेमाल करने से थायरॉइड की समस्या मदद मिलती है. नारियल तेल थायरॉइड की समस्या को कम करने के लिए फायदेमंद होता है।
थायरॉइड मे खान-पान ( Foods for Thyroid Disease):
थायरॉइड की बीमारी के दौरान खान-पान ऐसा होना चाहिएः
थायरॉइड रोग में कम वसा (Low Carbohydrate) वाले आहार का सेवन करना चाहिए।
ज्यादा से ज्यादा फलों एवं सब्जियों को भोजन में शामिल करना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें, इनमें उचित मात्रा में आयरन होता है जो थायरॉइड के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।
संतुलित भोजन करें, मिनरल्स और विटामिन से युक्त भोजन लेने से थायरॉइड में सुधार होता है या थायराइड के स्तर में कमी आती है।
आयोडिन नमक, आयोडिन युक्त भोजन, सी फूड, फिश, चिकेन, अंडा, टोंड दूध और दूध से बनी चीजें जैसे दही, पनीर, टमाटर, मशरुम, केला, संतरे आदि का सेवन करना चाहिए।
बादाम, काजू और सूरजमुखी के बीजों का अधिक सेवन करें, इन सबमें कॉपर की पर्याप्त मात्रा होती है जो कि थायरॉइड के लेवल को संतुलित करने में फायदेमंद होता है।
थायरॉइड के लिए कुछ बेहतरीन खाद्य पदार्थ:
दही
दही थायरॉयड ग्रंथि के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक है। डेयरी उत्पाद, मुख्य रूप से दही, बहुत पौष्टिक होते हैं और शरीर की आयोडीन आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं। थायरॉयड ग्रंथि के ठीक से काम के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है।
फल: सेब, नाशपाती और खट्टे फल
सेब, नाशपाती, आलूबुखारा और खट्टे फल पेक्टिन के साथ प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो पारे के शरीर को डीटॉक्सिफाई करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही फलों में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए और विटामिन सी होते हैं जो शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।
नट्स और बीज
कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज और नट्स (बादाम, अखरोट, काजू) जिंक के स्रोत हैं। जस्ता के निम्न स्तर को थायराइड की समस्याओं से जोड़ा गया है। जिंक के साथ अपने शरीर को चिंग्स की कमी को पूरा करने के लिए के लिए स्नैक्स के रूप में इन पर सलाद या मुनक्का डालें।
फलियां और बीन्स
बीन्स और फलियां जस्ता और फाइबर से भरपूर होते है। ये पाचन तंत्र को ठीक से काम करने में मदद करते हैं, विशेष रूप से मल त्याग और कब्ज को रोकते हैं। चीकू फल थायराइड की समस्याओं के लिए स्वास्थ्यप्रद विकल्पों में से एक है।
ग्रीन टी
ग्रीन चाय एक निश्चित रुप से चयापचय मे मदद करने वाले के रूप में दुनिया भर में जाना जाता है। ग्रीन टी में कैटेचिन होता है, यह एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट है जो वसा कोशिकाओं को वसा छोड़ने के लिए मजबूर करता है और अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद करता है।
साबुत अनाज
साबुत अनाज को पचाने के लिए शरीर को अधिक ऊर्जा की जरूरत पड़ती है। ज्यादा फाइबर से चयापचय बढ़ता है क्योंकि पूरे अनाज को पचाने के लिए शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। अपने चयापचय को बढ़ाने और थायरॉयड ग्रंथि की मदद करने के लिए ओट्स, ब्राउन राइस, स्प्राउट्स, अंकुरित अनाज ब्रेड और अलसी खाने की कोशिश करना चाहिए।
ब्रोकली
ब्रोकोली कैल्शियम और विटामिन सी में समृद्ध होता है, यह शरीर को चयापचय को बढ़ावा देने में मदद करता है। ब्रोकोली में फाइबर में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। हर खाद्य पदार्थ जो चयापचय को बढ़ाने में मदद करता है वह थायराइड के रोगियों के लिए फायदेमंद है।
इन में से सभी या कुछ को आहार में शामिल करें और एक अवधि में आपके थायरॉयड ग्रंथि के कार्य में काफी सुधार दिखाई देगा। अपने खानपान में उपरोक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करने से पहले अपने आहार विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
क्या नहीं खाएं
रेड मीट, पैकेज्ड फूड, ज्यादा क्रीम वाले प्रोडक्ट जैसे केक, पेस्ट्री, बाजरा, फूलगोभी, पत्ता गोभी, शलगम आदि।
थायरॉइड की परेशानी कम करने के लिए आपके जीवनशैली में ये सब बदलाव करने जरूरी होते है:
नियमित रूप से व्यायाम करें, धूम्रपान, एल्कोहल आदि नशीले पदार्थों से बचें।
यह भी पढ़ें:
यहां क्लिक करें: एनीमिया Anemia | एनीमिया के लक्षण, कारण, उपचार और रोकथाम
यहां क्लिक करें, आंखों की देखभाल | आंखों की रोशनी कैसे बढ़ाएं?
मोटापा | मोटापे से होते हैं गंभीर रोग, मोटापा कैसे कम करे?
Obesity | Obesity diet & tips for reducing weight
Clich here for Coronavirus Symptoms | What to do after Covid-19 Symptoms?
मधुमेह Diabetes: लक्षण, कारण, रोकथाम और प्राकृतिक उपचार
Click here for Diabetes: Symptoms, Causes, Prevention & Naturally Reversed
Click here for Tulsi (Holi Basil) | Tulsi Medicinal Uses & Health Benefits
(मोरिंगा)/ड्रमस्टिक के पोषण और स्वास्थ्य लाभ संबंधी तथ्यों के लिए यहां क्लिक करें।
अलसी /तीसी सुपरफूड के पोषण और स्वास्थ्य लाभ संबंधी तथ्यों के लिए यहां क्लिक करें।
शकरकंद सुपरफूड के पोषण और स्वास्थ्य लाभसंबंधी तथ्यों के लिए यहां क्लिक करें।
Click here for Kiwi, the wonder fruit, Health Benefits & Nutrition of Kiwi
Click here for Ginger | Ginger Medicinal uses, Health Benefits & Nutrition
आंवला (Indian Gooseberry) के पोषण और स्वास्थ्य लाभसंबंधी तथ्यों के लिए यहां क्लिक करें।
Click Here for health benefits of Tomatoes & nutrition Data
कोरोना (Covid -19)बचाव और इलाज के लिए यहां क्लिक करें | लक्षण और कोरोनावायरस से सुरक्षा।
0 Comments