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मोटापा | मोटापे से होते हैं गंभीर रोग, मोटापा कैसे कम करे?

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मोटापा

आधुनिक युग में रहन-सहन, खानपान और ऑफिस में काम करने के तरीका बदल गया है जिसके कारण हमारे-आपके  शरीर पर बुरा असर पड़ता है‌। अपने शरीर पर ठीक से ध्यान नहीं दे पाने से हम मोटापे का शिकार हो जाते हैं।

मोटापा शरीर के लिए बहुत ही घातक है, मोटापे के कारण व्यक्ति का वजन इतना  बढ जाता है कि इसका बुरा असर इंसान के सेहत पर पड़ने लगता है। 

जब हम जरूरत से ज्यादा कैलोरी का सेवन खाने के रूप में करते है तो यह अतिरिक्त कैलोरी चर्बी के रूप में शरीर में जमा होने लगती है, और जब शरीर इस अतिरिक्त चर्बी को उपयोग नहीं कर पाता तो मोटापा बढ़ता है। 

मोटापे को कैसे मापते हैं?

मोटापे को मापने के लिए बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) का सहारा लिया जाता है। बीएमआई कैलकुलेटर से आप अपनी बीएमआई आसानी से निकाल सकते हैं।  बीएमआई कैलकुलेटर गूगल पर उपलब्ध है।

बीएमआई कितना होना चाहिए?

स्वस्थ व्यक्ति का बीएमआई 25 से नीचे होता है। ‌

बीएमआई 25 से 29 के बीच  -  वजन अधिक है

बीएमआई 30 से 40 के बीच  - मोटापा की श्रेणी

बीएमआई 40 से अधिक है तो - बहुत ज्यादा मोटापा

मोटापा के कारण:

जरूरत से ज्यादा कैलरी युक्त आहार, जंक फूड, कार्बोनेटेड पेय पदार्थों जिसमें चीनी का मात्रा होता है का अधिक सेवन करने तथा फलों और सब्जियों का कम सेवन करने से व्यक्ति मोटापे का शिकार हो सकता है।

मोटापा किसी को भी हर उम्र में, यहां तक कि बच्चों में भी हो सकता है। 

बीमारियों के कारण भी मोटापा हो सकता है:

लोगों में कई बीमारियों के कारण भी हो मोटापा हो सकता है। कुछ दवाओं के इस्तेमाल के कारण भी व्यक्ति का वजन बढ़ जाता है और मोटापे का शिकार हो सकता है। गर्भावस्था में महिलाओं का वजन बढ़ना सामान्य है। लेकिन, कई बार गर्भावस्था बाद में मोटापे का कारण बन सकता है। अच्छी तरह से नींद न लेने से शरीर में हॉर्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे भूख बढ़ती है और हम ज्यादा खाना खाते हैं और मोटापे का शिकार हो जाते हैं।

मोटापे से होने वाली बीमारियां:

मोटापे के कारण शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। स्ट्रोक, कैंसर, प्रजनन क्षमता में कमी, टाइप 2 डाइबिटीज, पित्ताशय की बीमारी, सांस की परेशानी, उच्च रक्तचाप, लिवर में चर्बी, नर्व डिसऑर्डर और आर्थराइटिस जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

मोटापे को कैसे कम करें?

  • हमें प्रतिदिन कम से कम 8 घंटे सोना चाहिए, जल्दी सोने से सुबह जल्दी उठ सकते हैं और ऑफिस जाने से पहले या कोई भी काम करने से पहले व्यायाम कर सकते हैं। जल्दी सोने से नींद भी पूरी होगी और शरीर के इम्यून सिस्टम मजबूत होगी।
  • प्रतिदिन नियमित व्यायाम और जीवन शैली में बदलाव करके आप अपना वजन नियन्त्रण में रख सकते हैं। तेज तेज चलना, तैरना और साइकिल चलाना अच्छे व्यायाम हैं। सुबह शाम (दोनों मिलाकर) कम से कम 90 मिनट तेज तेज टहलने से भी मोटापा और शरीर की चर्बी कम होती है। ऐसा करके और अपने भोजन पर नियंत्रण करके 1 महीने में कम से कम 5 किलो वजन कम कर सकते है। अपने वजन को एक साथ ज्यादा नहीं कम  करना चाहिए, शरीर पर दुष्प्रभाव भी पड़ता है। 
  • दिन में कम से कम तीन बार नियमित संतुलित आहार लें। ज्यादातर लोग लोग भूख लगने पर किसी भी समय खाने लगते हैं और सही समय का पालन नहीं करते है, जिससे शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है। कुछ लोग मीठे व्यंजनों और जंकफूड का सेवन करते हैं जिससे फिर को जरूरत से ज्यादा कैलोरी मिलता है और मोटापे का शिकार हो जाते हैं। 
  • कम कैलरी से युक्त आहार, फल, हरे पत्तेदार सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें। ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त अनाज का सेवन करना चाहिए। फाइबर को पचने में समय लगता है, इससे शरीर को भूख नहीं लगती जिससे आप ज्यादा खाने से बच जाते हैं। अगर आपके पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है। 
मोटापा कम करने के लिए आहार


मोटापा कम करने के लिए आहार

मोटापा कम करने के लिए आहार

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मोटापा कम करने के लिए संतुलित आहार
मोटापा कम करने केेेे लिए संतुलित आहार

  • पानी का पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए। 
  • सुबह-सुबह एक से डेढ़ चम्मच अलसी के पाउडर को हल्के गर्म पानी के साथ लेंने से पेट की चर्बी कम होती है। अलसी में फाइबर और बहुत सारे विटामिन और मिनरल होते हैं जो शरीर को अन्य गंभीर बीमारियों से बचाता है। 
  • खीरे, नींबू, अदरक, पुदीने का रस बार बार पीने से वजन घटाने में, विशेष रूप से पेट के चर्बी को  कम करने में सहायक होता  है। चर्बी कम करने के लिए ग्रीन टी, बैरीज (अजवाइन), मेवे, दही, दालें, ओट, अंडा, फैटी फिश का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए।
  • उपरोक्त बातों के अलावा ऑफिस में कुर्सी पर ज्यादा देर तक नहीं बैठना चाहिए। हर घंटे कम से कम 5 मिनट के लिए टहलना चाहिए। ऐसा करके आप अपने शरीर को गंभीर दुष्प्रभाव से बचा सकते हैं।

क्या ना खाएं:

मिठाई, अल्कोहल का सेवन अल्प मात्रा में करें। 

अगर बिना अल्कोहल के नहीं रह सकते तो 60 मिली से ज्यादा सेवन न करें, अल्कोहल पीते समय स्नैक्स में जंग फूड का इस्तेमाल ना करें। ज्यादा से ज्यादा सब्जियों और फलों का उपयोग करें। अल्कोहल पीने के बाद भूख ज्यादा लगती है, कैलोरी का भी ध्यान रखें।

सैचुरेटेड फैट के सेवन न करें। 

चीनी का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। 

मैदे से बनाए गए पकवान ना खाएं। ‌

चावल नहीं खाना चाहिए। अगर चावल खाना है तो ब्राउन राइस खा सकते हैं। 

चर्बी वाली कोई भी वस्तु नहीं खानी है। खाने में घी और तेल का इस्तेमाल कम करें। 

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