Ticker

6/recent/ticker-posts

मोदी दुनिया के सबसे खराब नेता, महामारी रोकने में नाकाम?

मोदी इमेज डाउनलोड

मोदी को सबसे खराब प्रधानमंत्री माना

मोदीजी ने देश को विश्व गुरु बना ही दिया। आखिर विदेशों में मोदीजी के नाम का डंका बज ही गया। 

एक अंतर्राष्ट्रीय सर्वे एजेंसी की ट्विटर सर्वे में मोदी दुनिया के सबसे खराब प्रधानमंत्रियों की श्रेणी में आते हैं। ‌‌‌

ट्विटर पर कराए इस सर्वे में 75,450 लोगों ने वोट किया जिसमें से 90% लोगों ने मोदी को कोरोना मैनेजमेंट मे सबसे खराब प्रधानमंत्री माना है। सिर्फ 5% लोगों ने डोनाल्ड ट्रंप, 4% लोगों ने ब्राजील के राष्ट्रपति तथा 1% लोगों ने मेक्सिको के राष्ट्रपति को दोषी माना है।

मोदी सबसे खराब प्रधानमंत्री
The Conversation US Survey

भारत की जनता क्या सोचती है?

भारत कोविड-19 वैश्विक महामारी का नया केंद्र बन गया है, जो मई 2021 कुछ दिनों तक प्रतिदिन लगभग 400,000  के पार नए मामले दर्ज कर किया। हालांकि, आंकड़े अब धीरे-धीरे नीचे आ रहा है। 

COVID-19 के मरीज़ अस्पतालों में इसलिए मर रहे हैं क्योंकि डॉक्टरों के पास देने के लिए ऑक्सीजन नहीं है और रेमडेसिविर जैसी कोई जीवन रक्षक दवा नहीं है। बीमारों को हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल रहे हैं यहां तक कि मरने के बाद उचित दाह संस्कार भी नहीं हो रहा है। ‌हाल के दिनों में गंगा में बहती हुई तथा गंगा किनारे बालू के रेत में दफन लाशें सब कुछ बयां कर रही है। ‌‌‌‌‌

उपरोक्त सभी बातों से देश की जनता का मोदी के प्रति मोहभंग हुआ है। उसका कुछ कुछ असर बंगाल चुनाव और यूपी के पंचायत चुनाव में देखने को मिली है।


telugu360 सर्वे

चूक कहां हुई?

जनवरी 2021 में, मोदी ने एक वैश्विक मंच पर घोषणा की कि "भारत ने कोरोना और जंग जीत लिया है और मानवता की रक्षा की है।"  मार्च में, भारत के स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की कि भारत में कोरोना महामारी एक "अंतिम खेल"  पर पहुंच रही है। लेकिन उसी बीच  COVID-19 वास्तव में भारत और दुनिया भर के कई देशों में और मजबूती से पैर फैला रहा था। भारत में प्रतिदिन कोरोना मरीज की संख्या 12481 (11 जनवरी 2021) थी। 

भारत सरकार ने आने वाली संभावित खतरे के लिए कोई तैयारी नहीं की, जिसका परिणाम आज भारत भुगत रहा है।

यहां तक ​​​​कि देश के महत्वपूर्ण हिस्सों ने वायरस को पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ था, प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों ने अप्रैल मे होने वाले चुनावों के लिए बड़े-बड़े चुनाव रैली और रोड शो का आयोजन शुरू कर किया। रैलियों और रोड शो में आने वाले लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया यहां तक की बहुतों के मुंह पर मास्क भी नहीं था।  भारत सरकार ने कुंभ का आयोजन होने दिया जिसमें लाखों की संख्या में लोग एक साथ एकत्रित हुए जिससे कोरोना का फैलाव और बढा। सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी अब मानते हैं कि त्योहार और चुनाव एक सुपरस्प्रेडर की तरह काम किया। यह एक बहुत बड़ी भूल थी, सरकार ने कोरोना को गंभीरता से नहीं लिया। 

जैसा कि मोदी ने पिछले साल अपनी सफलताओं के बारे में बताते रहे, भारत - दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता - ने पड़ोसी देशों को 10 मिलियन से अधिक वैक्सीन खुराक भेजीं।  फिर भी भारत के 1.3 बिलियन लोगों में से केवल 18,58,09,302 लोगों को 19 मई तक COVID-19 का टीका लगाया जा सका है। 

आज भी देश में कोरोना के टीके की कमी है और राज्य सरकार और केंद्र सरकार आपस में एक दूसरे पर ब्लेम गेम खेल रही है। अभी भी टीका उपलब्ध कराने के लिए ग्लोबल टेंडर की बात हो रही है।

भारत की जनता पूरी तरह से समझ गई है कि हमारी सरकार से चूक हुई है। 

एक ट्विटर यूजर ने लिखा है "आखिर मोदी जी ने भारत को विश्व गुरु बना ही दिया" विदेशों में भी डंका बज रहा है।

विदेशों में भी मोदी का डंका बज रहा हैविदेशों में भी मोदी का डंका बज रहा है

कुछ दिन पहले भारत के मंत्री स्मृति ईरानी का एक ट्वीट आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी बहुत पहले से राज्य सरकारों को आगाह कर रहे थे। उस ट्वीट में दैनिक जागरण का आलेख के हवाले से कहा गया था कि प्रधानमंत्री के कहने के बाद भी राज्य सरकारें कोरोना रोकने की तैयारी में फेल रही। 

स्मृति ईरानी का ट्वीट

स्मृति ईरानी का ट्वीट

विपक्षी पार्टियां और जनता का केंद्र से सवाल

विपक्षी पार्टियां और देश की जनता का केंद्र सरकार से  सवाल है:

  1. अगर प्रधानमंत्री को पता था फिर देश में चुनाव और कुंभ का आयोजन क्यों हुआ?आ
  2. आक्सीजन और दवाई की व्यवस्था करना केंद्र सरकार का काम है, उचित मात्रा में ऑक्सीजन और दवाई की व्यवस्था क्यों नहीं की गई? 
  3. देश का ऑक्सीजन बाहर के देशों को क्यों भेजा गया? 
  4. कोरोना की टीका दूसरे देशों को क्यों दिया गया? 
  5. कोरोना पर काबू पाने की झूठी बात  क्यों की गई?
--समाप्त--

Post a Comment

0 Comments