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यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट,‌ घर वापसी के लिए संघर्ष

Indian Students in Ukraine

Indian Students in Ukraine: यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट,‌ घर वापसी के लिए संघर्ष

यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट

यूक्रेन के भारतीय दूतावास ने 15 फरवरी को एडवाइजरी जारी कर यूक्रेन में रहे भारतीयों को आने वाले युद्ध के ख़तरों बारे में सतर्क किया था। लेकिन भारतीयों को निकालने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।


20 फरवरी को राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध का फाइनल अल्टीमेटम दिया तब काफी देर हो चुकी थी। भारत सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, भारत के पास 4 दिन थे, उन 4 दिनों में सारे भारतीयों को निकाला जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका, और 24 फरवरी को यूक्रेन एयरस्पेस बंद हो गया


युद्ध शुरू हो जाने के बाद घरों से निकलना मुश्किल हो गया। भारतीय स्टुडेंट घर वापसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनका खाना पानी लगभग खत्म हो रहा है बंकरों करो में रहने पर मजबूर हैं। कई वीडियो में बच्चों को रोते हुए देखा गया है।


सूचना के अनुसार यूक्रेन में करीब 22000 से 35 हजार भारतीय फंसे हुए हैं।‌‌ भारत सरकार कुछ विद्यार्थियों को यूक्रेन के पश्चिमी किनारे के इलाके से निकालने में कामयाब रही है।


युद्ध शुरू होने के बाद जागी मोदी सरकार


भारतीय स्टूडेंट को लेकर एक फ्लाइट कल यूक्रेन से 219 भारतीयों के साथ ऑपरेशन गंगा" की उड़ान के तहत मुंबई में लैंड किया है और आज दूसरा दिल्ली हवाई अड्डे बुखारेस्ट से 250 लोगों के साथ दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड किया है।


हजारों विद्यार्थी रोमानिया बॉर्डर पर फंसे हुए, वे बॉर्डर पार करने के लिए भारतीय मदद की गुहार लगा रहे हैं। एक वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है कि भारी तादाद में विद्यार्थी रोमानिया बॉर्डर पर खड़े हैं और बॉर्डर पार करने का इंतजार कर रहे हैं।


हजारों भारतीय विद्यार्थी ऐसे इलाके में फंसे हैं जो पश्चिमी बॉर्डर तक नहीं पहुंच सकते। उन सारे विद्यार्थियों को यूक्रेन में ही सुरक्षित रहने के लिए कहा गया है। भारत सरकार उनको निकासी पर ध्यान दे रही है और वहां से निकालने के तरीकों पर सोचा जा रहा है।


भारतीय दुतावास मिशन मोड में काम कर रही है


विभिन्न सीमा चौकियों पर स्थिति संवेदनशील है और भारतीय दूतावास यूक्रेन के पड़ोसी देशों के दुतावास के साथ मिलकर भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए काम कर रहा है।


दूतावास ने कहा कि बिना किसी पूर्व सूचना के सीमा चौकियों तक पहुंचने वाले भारतीय नागरिकों की मदद करना "अधिक कठिन" हो रहा है।


भारतीय दूतावास ने कई एडवाइजरी जारी कर भारतीय स्टूडेंट को शांत रहने के लिए कहा है और आश्वासन दिया है कि समय के साथ सब को यूक्रेन से निकाल लिया जाएगा।


सबसे बड़ी समस्या यह है कि यूक्रेन अभी युद्ध में है और चारों तरफ गोलाबारी हो रही है। रूसी सेना बम बरसा रही है और ऐसे में बाहर निकालना मुश्किल हो रहा है। लड़ाई वाले इलाके से विद्यार्थियों को तब तक नहीं निकाला जा सकता जब तक कि युद्ध शांत न हो जाए।

Advisory issued on 20th Februaray


Advisory issued on 15th February

भारत समय रहते एक्शन नहीं लेने के कारण अपने विद्यार्थियों को निकालने में नाकाम हो गई है। भारत सरकार पूरी कोशिश कर रही है अपने नागरिकों की जान बचा सके और रात दिन इसके लिए सही विकल्पों की तलाश कर रही है। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने मोदी सरकार को चिट्ठी लिखकर विद्यार्थियों को निकालने के लिए उचित कदम उठाने के लिए कहा है। विपक्षी नेताओं ने समय रहते कार्रवाई न करने के लिए मोदी सरकार की दोषी ठहरा रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर एयर इंडिया को नहीं बेचते तो हम विद्यार्थियों को समय रहते निकाल लिए होते।

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