मोदी की विदेश नीति झूठी, मोदी में हिम्मत नहीं, पुतिन के साथ सती होना चाहते हैं मोदी- सुब्रमण्यम स्वामी
प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला
राज्य सभा सांसद और BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी अपने तल्ख बयानों के जरिए भारत सरकार की खिंचाई की है। उन्होंने अपने बयानों में प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला किया है। स्वामी मोदी सरकार के गलत नीतियों पर आवाज उठाते रहे हैं, जब भी उन्हें लगता है भारत सरकार की गलत नीतियों से देश का नुकसान होगा वह ट्विटर पर अपना कमेंट शेयर करते हैं।
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी सरकार के ख़िलाफ़ की गई तल्ख़ टिप्पणियों के लिए चर्चा में रहते हैं। आजकल फिर से वे चर्चा मे है, रूस-यूक्रेन कॉन्फ्लिक्ट और भारत सरकार की विदेश नीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की कोशिश में उन्होंने बहुत ही कठोर शब्दों का उपयोग किया है। अनेकों ट्वीट है जिसमें से हम सिर्फ तीन ट्वीट के बारे में की बात करेंगे।
मोदी की विदेश नीति झूठी
आज उन्होंने ट्वीट करते हुए मोदी के विदेश नीति को झूठा बताया है। इस ट्वीट में उन्होंने पिछले साल गलवान घाटी में चीनी घुसपैठ प्रधानमंत्री मोदी के बयान का जिक्र किया है, आप सबको पता है प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी घुसपैठ के बारे में बयान दिया था: "कोई आया नहीं कोई गया है, ना कोई घुसा था और ना कोई घुसा है"।
बाद में धीरे-धीरे बातें खुलकर आई और पता चला कि चीनी हमारे भारतीय सीमा में घुसपैठ किया हुआ है और कई जगह पर परमानेंट स्ट्रक्चर भी बना लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को सुब्रमण्यस्वामी ने झूठा करार देते हुए ट्वीट किया है। डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा:
यह एक आश्चर्यजनक खुलासा है, जिसे भारतीयों को अवश्य जानना चाहिए। "कोई आया नहीं..." मोदी सरकार की विदेश नीति भी झूठी है !! 1947 में विशाल बलिदान के बाद विदेशी उपनिवेश से मुक्त राष्ट्र के लिए, "सत्यमेव जयते" के प्राचीन हिंदू नारे पर, हमें अपने को खिलाफ भी झूठ बोलना होगा?
This is an amazing disclosure, which Indians must know. The "koi aaya nahin..." lie is Modi govt's foreign policy too !! For a nation freed from foreign colonization in 1947 after huge sacrifice, on the ancient Hindu slogan of "Satyameva Jayate", we have to lie against our own?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 3, 2022
मोदी में पुतिन को पीछे हटने के लिए कहने की हिम्मत नहीं
इससे पहले भी उन्होंने UNSC मैं भारत सरकार के न्यूट्रल रहने के फैसले पर विरोध जताते हुए ट्वीट किया था। डॉ स्वामी ने ट्वीट कर कहा था:
अब जब यह स्पष्ट हो गया है कि रूस ने यूक्रेन में जो किया है, वह पिछले साल के दिल्ली घोषणापत्र में ब्रिक्स के प्रस्ताव का उल्लंघन है। क्या मोदी में पुतिन को पीछे हटने के लिए कहने की हिम्मत होगी?
इस ट्वीट में उन्होंने मोदी को चैलेंज किया है और पूछा है कि मोदी में इतनी हिम्मत है कि पुतिन को पीछे हटने के लिए कहे।
Now that it is clear that what Russia has done in Ukraine violates BRICS Resolution in Delhi Declaration of last year. Will Modi have the guts to tell Putin to back off?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 1, 2022
डॉ सुब्रमण्यम स्वामी भारत सरकार के कूटनीतिक स्टैंड से अक्सर सहमत नहीं होते हैं और विरोध के लिए ट्विटर का सहारा लेते हैं। डॉक्टर स्वामी के इस ट्वीट के जवाब मेंजवाब में एक टि्वटर यूजर ने कमेंट किया, जिसका मतलब यह था कि जब आगे कुआं हो और आगे पीछे खाई, तो न्यूट्रल बने रहना चाहिए।
इस ट्वीटर यूज़र के जवाब में स्वामी ने लिखा:
डेढ़ अरब संस्कारी लोगों का प्रधानमंत्री एक पॉलिटिकल हिजड़ा नहीं हो सकता।
पुतिन के साथ सती होना चाहते हैं मोदी
एक और ट्वीट में डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी द्वारा पुतिन के साथ देने के फैसले पर विरोध किया है। डॉ स्वामी ने ट्वीट करते हुए कहा:
क्या भारत के नीति निर्माताओं ने पुतिन के साथ सती करने का फैसला किया है? जब बर्बर लोग विदेश से आते हैं, तो सती होना एक नेक महिला कार्य माना जाता था। अभी नहीं। महिलाएं अब वापस दुर्गा, सरस्वती या लक्ष्मी जैसी हो गई हैं। वे समान हैं संपत्ति नहीं। इसलिए भारत माता सती की मांग नहीं करती।
Have India's policy makers decided to commit Sati with Putin? When barbarians come from abroad, it was considered a noble womanly act to commit Sati. Not now. Women are now back to be like Durga, Sarasvati, or Lakshmi. They are equal not property. So Bharat Mata demands no Sati
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 1, 2022
इस ट्वीट के माध्यम से उन्होंने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है और भारत सरकार के कमजोर विदेश नीति का पर भी कटाक्ष किया है। पूरा विश्व अभी पुतिन के खिलाफ है, देर-सवेर पुतिन को बहुत नुकसान होने वाला है। हम न्यूट्रल रहकर विश्व के अनेक देशों से अपना संबंध खराब कर रहे हैं, इससे भारत का नुकसान होगा।
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