राहुल गांधी किस धर्म से है? Religion of Rahul Gandhi
आजकल कुछ दुषित मानसिकता के लोग राहुल गांधी के धर्म और जाति पर गलत टिप्पणियां करते हैं और भ्रांतियां फैलाते हैं।
हालांकि किसी बहुचर्चित व्यक्तित्व के लोग जिसमें नेता, अभिनेता, वैज्ञानिक, साहित्यकार, कवि आदि को जाति या धर्म से कोई फर्क नहीं पड़ता है। समाज उनके कर्मों से जानते हैं। इसका सबसे नजदीकी उदाहरण डा. ए पी जे अबुल कलाम का ले सकते हैं, वे मुस्लिम होते हुए भी सभी धर्मों में लोकप्रिय थे।
लोगों को सही जानकारी मिले इसलिए राहुल गांधी के बारे में जानना जरूरी है। राहुल गांधी के धर्म और जाति को समझने के लिए हमें अतीत में झांकना जरूरी हो गया है।
राहुल गांधी के पूर्वज
राहुल गांधी के परनाना मोतीलाल नेहरू जी कश्मीरी पंडित थे, उनके सुपुत्र पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की एकमात्र सुपुत्री श्रीमती इंदिरा गांधी थी जो बाद में भारत के प्रधानमंत्री बनी और आयरन लेडी के नाम से चर्चित हुई।
1942 में इंदिरा ने फिरोज जहांगीर घांधी (Feroze Jehangir Ghandhy) से शादी की जो कि एक पारसी समुदाय से आते थे।
महात्मा गांधी से प्रभावित होकर फिरोज जहांगीर गांधी ने अपने नाम के टाइटल में सुधार कर गांधी कर लिया, और फिरोज गांधी बन गएं।
इंदिरा और फिरोज गांधी के दो पुत्र हुए संजय और राजीव गांधी। संजय गांधी ताउम्र जब तक जीवित रहे अपने आप को पारसी मानते रहे। क्योंकि भारत एक पितृ प्रधान समाज है इसलिए पिता का धर्म पारसी होने के नाते पुत्र भी पारसी हुए। संजय गांधी के पुत्र वरुण गांधी हैं जिनके धर्म पर कोई सवाल नहीं उठाता। जबकि राहुल और वरुण गांधी दोनों के दादा फिरोज गांधी थे।
राजीव गांधी 1968 में इटली की सोनिया गांधी से शादी किया जो कि एक क्रिश्चियन धर्म से आती हैं।
राहुल गांधी राजीव और सोनिया गांधी के पुत्र हैं और इस हिसाब से हुए यहां भी पारसी ही हुए, क्योंकि यहां भी पिता का धर्म ही माना जाएगा।
राहुल गांधी के धर्म और जाति पर प्रश्न क्यों?
कुछ राजनीतिक दल और दूषित मानसिकता के लोग अपने फायदे के लिए राहुल गांधी को मुस्लिम बताते हैं वह सरासर गलत है क्योंकि राहुल गांधी जन्म से पारसी कहलाएंगे।
भारत में हर व्यक्ति को धर्म की स्वतंत्रता है और वह किसी भी धर्म को मान सकता है। राहुल गांधी सनातन धर्म में विश्वास करते हैं और उन्होंने भी अपने पूर्वजों के ब्राह्मण धर्म को अपनाते हुए सनातन में भरोसा जताया है। समय-समय पर वह कहते रहते कि हम जनेऊ धारी ब्राह्मण है।
अब राहुल गांधी के धर्म पर सवाल नहीं करना चाहिए क्योंकि हिंदू धर्म सभी धर्मों को अपने में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है। बिना रोक टोक के कोई भी हिंदू धर्म अपना सकता है। राहुल गांधी के हिंदू धर्म में विश्वास होना ही उनके हिंदू होने का पर्याप्त सबूत है। अभी हाल ही में मुस्लिम कट्टरपंथी वसीम रिजवी हिंदू धर्म में शामिल हुए हैं और त्यागी समाज में उनका नाम जोड़ा गया है।
राहुल गांधी की जाति और धर्म
राहुल गांधी के वंशावली देखने के बाद क्या पता चलता है कि वह मानव जाति से है उनका धर्म सिर्फ मानवता है। राहुल गांधी के पूर्वजों ने जाति धर्म के सीमाओं को तोड़ते हुए अंतरजातीय अंतर धर्म विवाह किया। यह एक साहसिक कदम था और आधुनिक समाज में इसकी खुली छूट है।
निष्कर्ष
समाज को चाहिए कि किसी के जाति धर्म पर अनावश्यक सवाल न करें और उनके मनोबल को ना तोड़ें।
राहुल गांधी के धर्म से या अन्य किसी भी राजनीतिक व्यक्ति के धर्म से जनता को कोई दिक्कत नही होनी चाहिए।
भारत के संविधान में धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है, और इस देश में रहने वाले सभी लोग स्वतंत्र रूप से किसी भी धर्म को मानने के लिए आजाद है।
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