महात्मा गांधी को गाली
भारत के 85% जनता आरएसएस की विचारधारा से सहमत नहीं हैं। यह मतभेद आजादी के पहले से ही चला आ रहा है। हमारे पूर्वजों ने हमें जब आरएस एस से दूर रहने के लिए कहा था तो हमें अजीब लगा था। उनका कहना था कि आरएसएस का हिन्दुत्व की विचारधारा नफरत और हिंसा का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका कहना था कि नाथुराम गोडसे आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित होकर आतंकवादी बन महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी।
हिन्दू धर्म और हिन्दुत्वादी
आज आजादी के 75 साल बाद फिर से नाथूराम के समर्थक अपने बिलो से बाहर निकल फन फैला रहे हैं।
उनकी हिंदूत्ववादी विचारों में जहर और नफरत भरा हुआ है। 2014 में भाजपा सरकार बनने के बाद उनको और बल मिला है, उनके नफरत और आतंक के स्वर को सरकार द्वारा नजरअंदाज करने से ढोंगियों के मनोबल और भी ऊंचा होता जा रहा है।
हालात यहां तक पहुंच गया है कि खुलेआम धर्म संसद बुलाकर अधर्मियो वाले पाठ पढ़ाया जा रहा है। हरिद्वार धर्म संसद से खुलेआम एक धर्म विशेष के खिलाफ हिंसात्मक कार्रवाई के लिए आह्वान किया गया। भूतपूर्व प्रधानमंत्री को मारने की बात की गई। वायरल वीडियो में आप सबकुछ देख सुन सकते हैं।
ऐसे शब्दों और भाषा का प्रयोग किया गया जिसे कानून इजाजत नहीं देता।
महात्मा गांधी को गालियां
हरिद्वार के बाद रायपुर के धर्म संसद में भी नफरत फ़ैलाने की कोशिश की गई। एक पाखंडी साधु, जी हां, उसे पाखंडी और आतंकवादी ही कहा जा सकता है जो नाथुराम गोडसे को अपना भगवान और महात्मा गांधी को गालियां देता है। एक ढोंगी और पाखंडी कालीचरण ने खुले मंच से महात्मा गांधी को गालियां दी और दर्शकों ने तालियां बजाकर खुशी जाहिर किया।
कोई भी सच्चा देशभक्त इस बात पर विचलित हो उठेगा और वैसा ही हुआ। वहां बैठे हुए वरिष्ठ संत महात्मा महंत रामसुंदर दास जी ने नफरत की भाषा का विरोध करते हुए धर्म संसद का वहिष्कार कर अपने साथियों के साथ बाहर निकल आए।
देश दो धरे में बंटे
देश की जनता पहले से ही दो विचारधाराओं में बंटे हुए थे। आज साधुओं में भी बंटवारा हो गया।
एक मोदी और हिंदुत्ववादी समर्थक, दुसरा हिन्दू और असली सनतान धर्म रक्षक।
लोगों की असलियत सामने आने लगा है, समाज और हमारे आसपास छुपे भेड़िए और नफरत के सौदागरों के चेहरे से नकाब उतरने लगा है।
देश एकजुट हो रहा है
हाल के सभी घटनाओं से देश की जनता में एकजुटता बनी है। लोग अब इन अराजक लोगों से छुटकारा चाहते हैं। हजारों सालों से जो नफरत और जहर फैलाया गया था वह खत्म हो रहा है।
देश के असली हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन सभी एकजुट होकर इन नकली धर्म-रक्षको को सबक सिखाने जा रहे हैं।
रायपुर के संत महात्माओं द्वारा उठाए गए कदमों को लोगों ने सोशल मीडिया पर खुब सराहना की है। उनके वीडियो वायरल हो रहे हैं।
नेताओं और बुद्धिजीवियों की प्रतिक्रिया
रिटायर्ड आईएएस सुर्य प्रकाश सिंह ने ट्वीट करते हुए महंत रामसुंदर दास की सराहना की है। उन्होंने लिखा:
ये है संत का धर्म!
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) December 26, 2021
इससे पूर्व एक मूढ़ भगवाधारी ने महात्मा गांधी को अभद्र गालियां दीं, नाथूराम गोड़से द्वारा की गई हत्या को सही बताया।
इससे क्षुब्ध हो कर महंत रामसुंदर दास ने ख़ुद को उस "अधर्म" संसद से अलग कर लिया।
नमन है, ऐसे संत को।। pic.twitter.com/2q69w3RLEg
"ये है संत का धर्म!
इससे पूर्व एक मूढ़ भगवाधारी ने महात्मा गांधी को अभद्र गालियां दीं, नाथूराम गोड़से द्वारा की गई हत्या को सही बताया।
इससे क्षुब्ध हो कर महंत रामसुंदर दास ने ख़ुद को उस "अधर्म" संसद से अलग कर लिया। नमन है, ऐसे संत को"।
कांग्रेस के नीरज कुन्दन ने ट्विटर के माध्यम से यह कहा:
नफरत इस कदर भर दी गयी है मेरे देश में कि देश के लिए अतुल्य कार्य कर के प्राण न्योछावर करते समय भी 'हे राम' कहने वाले महान राष्ट्र पिता महात्मा गांधी को संतो द्वारा गाली दी जा रही है।
— Neeraj Kundan (@Neerajkundan) December 26, 2021
पूछिए अपने आकाओं से कि क्यूँ हर विदेशी मेहमान को गाँधी जी की विरासत दिखाते है बताते है ?
"नफरत इस कदर भर दी गयी है मेरे देश में कि देश के लिए अतुल्य कार्य कर के प्राण न्योछावर करते समय भी 'हे राम' कहने वाले महान राष्ट्र पिता महात्मा गांधी को संतो द्वारा गाली दी जा रही है।"
पूछिए अपने आकाओं से कि क्यूँ हर विदेशी मेहमान को गाँधी जी की विरासत दिखाते है बताते है ?
वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार पाण्डेय जी ने ट्वीट के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है:
सत्य कहने का साहस है यह। जिसमें ज़रा भी स्वाभिमान होगा, मनुष्यत्व होगा वह उस महात्मा गांधी के बारे में घटिया बातें नहीं करेगा जिसे सुभाष बाबू ने राष्ट्रपिता कहकर पुकारा।
— Ashok Kumar Pandey अशोक اشوک (@Ashok_Kashmir) December 26, 2021
जो ऐसा करते हैं वे नीच हैं, पातकी हैं, कायर हैं, क्लीव हैं, दानव हैं, राष्ट्रद्रोही हैं। https://t.co/rkcboWPZJR
"सत्य कहने का साहस है यह। जिसमें ज़रा भी स्वाभिमान होगा, मनुष्यत्व होगा वह उस महात्मा गांधी के बारे में घटिया बातें नहीं करेगा जिसे सुभाष बाबू ने राष्ट्रपिता कहकर पुकारा।
जो ऐसा करते हैं वे नीच हैं, पातकी हैं, कायर हैं, क्लीव हैं, दानव हैं, राष्ट्रद्रोही हैं।"
पत्रकार रणविजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को टैग करते हुए ट्वीट किया है कि:
गांधी के देश में उन्हें गद्दार कहा जा रहा, उन्हें गंदगी का ढेर बताया जा रहा.
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) December 26, 2021
बिना सरकार के संरक्षण के ये मुमकिन नहीं. ये सुनकर दुनिया भारत पर अफसोस करेगी.@narendramodi जी, कुछ तो करो. pic.twitter.com/wuydqgXm66
"गांधी के देश में उन्हें गद्दार कहा जा रहा, उन्हें गंदगी का ढेर बताया जा रहा।
बिना सरकार के संरक्षण के ये मुमकिन नहीं. ये सुनकर दुनिया भारत पर अफसोस करेगी। @narendramodi जी, कुछ तो करो।"
विनोद कापड़ी ने कड़ी प्रतिकिर्या देते हुए छतीसगढ़ के मुख्य मंत्री श्री भूपेश बघेल से कालीचरण की गिरफ्तरारी की मांग की है.
Warning Abusive content
— Vinod Kapri (@vinodkapri) December 26, 2021
“महा हरामी वो मोहनदास करमचंद गाँधी ने सत्यानाश पेल दिया।गोडसे जी को नमस्कार है कि मार डाला उस हरामी को”
इस बार ये “अधर्म संसद” कांग्रेस शासित #छत्तीसगढ से है।ये गाली-गलौज करने वाला महाराष्ट्र से आया कोई कालीचरण बताया जा रहा है। @bhupeshbaghel pic.twitter.com/I79kx8G6FY
अजीत अंजुम, और उमाशंकर सिंह जैसे वरिष्ठ पत्रकारों ने भी इस बात का विरोध किया है और इन नफरती लोगों पर कार्रवाई करने पर जोर दिया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से भी इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान ले ने के लिए अपील किया है।
मामले को गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस ने विभिन्न धाराओं में एफ आई आर दर्ज किया है।
कालीचरण की गिरफ्तार
फिलहाल इंतजार है क्या होता है?
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