चुनाव आयोग ने तेलंगाना के भाजपा विधायक को यूपी के मतदाताओं को 'धमकी' देने के लिए नोटिस जारी किया
चुनाव आयोग के मुताबिक, टी राजा सिंह को एक वीडियो में यह कहते हुए दिखाया गया था, 'जो लोग बीजेपी को वोट नहीं देते हैं, मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि योगी जी ने हजारों जेसीबी और बुलडोजर मंगवाया है...'
चुनाव आयोग ने बुधवार को तेलंगाना के एक भाजपा विधायक टी राजा सिंह को उत्तर प्रदेश चुनाव में पार्टी को वोट नहीं देने वाले मतदाताओं के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल करने की धमकी देने वाले बयान के लिए नोटिस जारी किया।
नोटिस के अनुसार, टी राजा को सोशल मीडिया पर व्यापक रुप से वायरल एक वीडियो क्लिप में यूपी की वोटर को धमकाते हुए अंदाज में यह कहते हुए दिखाया गया था कि, "जो लोग भाजपा को वोट नहीं देते हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि योगी जी ने हजारों जेसीबी बुलडोजर की व्यवस्था की है, --यूपी में अगर रहना है तो योगी योगी कहना है..."
#ElectionCommissionOfIndia issued notice to @BJP4Telangana MLA @TigerRajaSingh Singh for his video threatening voters from #UttarPradesh who don't vote for #BJP. #ElectionCommission has asked him to respond within 24 hours.#UttarPradeshElection2022 #Telangana #RajaSingh pic.twitter.com/oTgQUA6kdi
— Sudhakar Udumula (@sudhakarudumula) February 16, 2022
चुनाव आयोग ने विधायक की राजा से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा है और नोटिस के माध्यम से पूछा है क्यों न उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता, भारतीय दंड संहिता और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।
Telangana BJP MLA gets EC notice for video clip in which he can be heard threatening UP voters. EC asks him explain why action should not be initiated against him under IPC, R P Act and for violation of mode code of conduct https://t.co/4F1d9Dr29d
— Bharti Jain (@bhartijainTOI) February 16, 2022
नोटिस में आगे कहा गया है: आपको इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर कारण बताने के लिए कहा जाता है कि आपके खिलाफ आपराधिक कानून के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए, आपके खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। आपके खिलाफ आदर्श आचार संहिता का मामला नहीं लिया जाना चाहिए, ”पोल पैनल ने अपने नोटिस में कहा।
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