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चौधरी चरण सिंह, पी वी नरसिम्हा राव, और एमएस स्वामीनाथन को मिलेगा भारत रत्न

चौधरी चरण सिंह, पी वी नरसिम्हा राव, और एमएस स्वामीनाथन को मिलेगा भारत रत्न

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित: चौधरी चरण सिंह, पी वी नरसिम्हा राव, और एमएस स्वामीनाथन को मिलेगा भारत रत्न


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नई दिल्ली, तारीख: 09.02.2024

भारतीय सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी वी नरसिम्हा राव, और हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया है। इस बड़े सम्मान की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल के माध्यम से की।


प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, "आज भारत रत्न से सम्मानित होने वाले तीन महान व्यक्तियों का ऐलान करने का सौभाग्य हुआ है। चौधरी चरण सिंह, पी वी नरसिम्हा राव, और एमएस स्वामीनाथन के योगदान ने हमारे राष्ट्र को अनगिनत क्षेत्रों में सेवा की है।"


चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) कौन थे?

चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) भारतीय राजनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण व्यक्ति थे और उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वह जन्म 23 दिसम्बर 1902 को हुआ था और 29 मई 1987 को उनके निधन हुआ था.

चौधरी चरण सिंह ने कई पदों पर सेवा की, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के संस्थापकों में से एक शामिल थे। उन्होंने 28 July 1979 and 14 January 1980 के बीच प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया और उनका केंद्रीय बजट में किसानों के हित में सुधार के लिए प्रस्तुत किया गया। उनकी नीतियों में गरीब किसानों के लिए उन्नति को मजबूती से बढ़ाने का प्रयास था।

चौधरी चरण सिंह भारतीय राजनीति में अपने सामर्थ्यपूर्ण और लोकप्रिय योगदान के लिए याद किए जाते हैं और उन्हें कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों के लिए भी सम्मानित किया जाता है।


पी वी नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao) कौन थे?

पी वी नरसिम्हा राव (P. V. Narasimha Rao) भारतीय राजनीतिक स्तर पर एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे और उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनका जन्म 28 जून 1921 को हुआ था और उनका निधन 23 दिसम्बर 2004 को हुआ था।

पी वी नरसिम्हा राव ने भारतीय राजनीति में लंबे समय तक सेवा की और उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (भा.रा.का.) के सदस्य रहकर नेतृत्व किया और 1991 से 1996 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।

पी वी नरसिम्हा राव का कार्यकाल 1991 में शुरू हुआ जब वह भारतीय राजनीति में एक ऐसे समय में प्रधानमंत्री बने, जब देश के अर्थव्यवस्था में बड़े सुधार और परिस्थितियों में परिवर्तन की आवश्यकता थी। उन्होंने आर्थिक विस्तार, उद्यमिता को प्रोत्साहित करने, और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के कई कदम उठाए। उनकी नीतियों में और भी कई सुधार किए गए, जिससे उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त हुआ।

एमएस (M.S.Swaminathanस्वामीनाथन कौन थे?

एमएस स्वामीनाथन (M.S. Swaminathan) भारतीय कृषि वैज्ञानिक और राजनेता थे, जो अपने योगदान के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अपने कार्यों के लिए विशेषज्ञता प्राप्त की।

स्वामीनाथन को "हरित क्रांति" के जनक के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने भारतीय कृषि को आधुनिक तकनीकों और सुस्त खेती की दिशा में प्रेरित किया। उन्होंने उन्नत बीज, खाद्यान्न उत्पादन, और स्वामीनाथन किसानों की समृद्धि में सुधार की दिशा में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हुए हैं।

स्वामीनाथन ने भारतीय सरकार में विभिन्न पदों पर सेवा की, जिसमें खेती और किसान कल्याण मंत्री के रूप में भी शामिल थे। उन्होंने अपने अनुसंधान और उपाध्यान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं।

यह सम्मान उनके अद्भुत योगदान को मान्यता प्रदान करता है और इससे यह भी साबित होता है कि भारत सरकार ने राष्ट्र के सबसे उत्कृष्ट सेवकों को सम्मानित करने का संकल्प लिया है। इस घोषणा के साथ, चौधरी चरण सिंह, पी वी नरसिम्हा राव, और एमएस स्वामीनाथन भारत रत्न के श्रृंगार में सजेंगे और देश के लिए अपना समर्पण जारी रखेंगे।


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