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Heart Care in Winter सर्दियों में हृदय को स्वस्थ कैसे रखें?

हार्ट इमेज डाउनलोड, दिल का फोटो, फेफड़ा

सर्दियों में दिल का ख्याल कैसे रखें?

सर्दी बढ़ने के साथ-साथ अनेक प्रकार के बीमारियां भी आती है। इन बीमारियों में सर्दी जुकाम अस्थमा इत्यादि शामिल है। ‌ क्या सर्दियों में हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा होती है? क्या सर्दियों में दिल कमजोर हो जाता है? तापमान गिरने के साथ-साथ हमारे हृदय पर क्या असर पड़ता है।

दिल का दौरा कभी भी किसी को भी हो सकता है, इससे बचने के लिए दिल के बीमारी के कारण शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानना जरूरी है। वैसे तो हार्टअटैक किसी भी मौसम में हो सकता है लेकिन सर्दियों में अन्य बीमारियों के कारण कमजोर हृदय पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे खतरा बढ़ता है।

डॉक्टरों का मानना है कि सर्दियों का मौसम को पसंदीदा माना जाता है लेकिन दिल के दौरा भी इसी मौसम में ज्यादा पड़ता है। सर्दियों में सिर्फ सांस की बीमारियाँ और वायरस से होने वाली बीमारी  ही नहीं नहीं बढ़ती बल्कि यह मौसम अपने साथ हृदय रोग  की मरीजो के लिए भी चिंता का कारण बनता है। दुसरे मौसम के तुलना मे, सर्दियों के मौसम में अचानक दिल के दौरा से बचने के लिए अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। कई महत्वपूर्ण अध्ययनों से पता चलता है कि सर्दियों के दौरान हार्ट अटैक, हार्ट फेल, स्ट्रोक और अन्य घातक हृदय संबंधी समस्याओं में वृद्धि होती है।

सर्दियां मे दिल कमजोर हो जाती हैं?

डॉक्टर के अध्ययन के अनुसार,  हॉट के कमजोर होने का मुख्य कारणों में से एक हमारे शरीर का शरीर क्रिया विज्ञान है,  तापमान में गिरावट के कारण हमारे शरीर में मौजूद रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती है।  इस प्रक्रिया को (Vasoconstriction) वासोकोनस्ट्रिक्शन नाम दिया गया है।  इस प्रक्रिया के दौरान, शरीर में रक्तचाप (Blood Pressure) का स्तर बढ़ जाता है क्योंकि वे हृदय शरीर के विभिन्न भागों में रक्त पंप करने के लिए अधिक दबाव डालते हैं, जो हार्ट अटैक का कारण बनता है।

ज्यादा ठंड वाले महीने में तापमान के गिरावट में असामान्य अंतर हो सकता है व्यापक अंतर हो सकता है, जिसमें आपके शरीर को गर्म रखने के लिए उत्पन्न गर्मी चरम स्थितियों में जोखिम पैदा कर सकती है और 'हाइपोथर्मिया'  का शिकार हो सकते है। हाइपोथर्मिया हृदय की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। शरीर को आघात से बचाने के लिए एकाएक गर्म मौसम से ठंडे मौसम में और ठंडे मौसम से गर्म मौसम में नहीं जाना चाहिए। इस परिस्थिति में कुछ देर रुक कर शरीर को वातावरण के अनुकूल लाना चाहिए।

हृदय रोग के मरीजों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

दिल के बीमार मरीजों के लिए सर्दियों का मौसम खतरनाक होता है। इस मौसम में तापमान में संतुलन बनाए रखने के लिए हृदय को अधिक काम करना पड़ता है क्योंकि शरीर को ऑक्सीजन की आवश्यकता बढ़ जाती है, ऐसी हालत में दिल का दौरा पड़ सकता है।

अगर दिल ठीक से काम नहीं करेगा फेफड़ों में पानी भरने की खतरा होता है। ‌यह निमोनिया का रूप ले सकता है।

सर्दियों में सांस की बीमारी की संभावना आम है, कम सांस लेने से शरीर में कम ऑक्सीजन जाता है और फिर हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

सर्दियों के दौरान स्वस्थ दिल के लिए क्या करें

  • शरीर को ठंड से बचाने के लिए उनी स्वेटर, जैकेट और वार्मर पहनना चाहिए। ज्यादा ठंड में बाहर नहीं निकलना चाहिए। ‌‌
  • अत्यधिक शराब या धूम्रपान के सेवन से बचना आवश्यक है, सांस बीमारी वाले को तो बिल्कुल भी नहीं।
  • सर्दियों में जंक फूड और हाई कोलस्ट्रोल वाले खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। ‌ तैलीय पदार्थ/चर्बीदार का सेवन बहुत कम करना चाहिए। सर्दियों के मौसम में ज्यादा लोग शिथिल हो जाते हैं जिससे नियमित व्यायाम नहीं हो पाता। ‌ नियमित व्यायाम नहीं होने से यह कोलस्ट्रोल शरीर में जमा होते जाते हैं और हृदय रोग का कारण बनते हैं।
  • कार्डियोवैस्कुलर गतिविधि में सुधार के लिए रोजाना शारीरिक व्यायाम जैसे दौड़ना, साइकिल चलाना आदि करना चाहिए। अपने शरीर को कभी भी तनाव की चपेट में ना आने दे, हमेशा खुश रहे, मौसम साफ हो तो धूप में जाएं और नियमित व्यायाम करते रहे। ‌
  • यदि आप मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि जैसी अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं, तो इनके पारा मीटर का मॉनिटर करते रहे, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर का असामान्य रूप से बढ़ना हार्ट संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।

नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए अपने हृदय रोग विशेषज्ञ के पास जाना नियमित बनाएं।  प्रारंभिक निदान आपको किसी भी अंतर्निहित मुद्दों के शीर्ष पर बने रहने में मदद कर सकता है।

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