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गुजरात का नमक (Salt) कारोबार: विदेशों में गुजराती नमक की धूम

गुजरात का नमक | Salt

गुजरात का नमक (Salt) कारोबार: विदेशों में एक्सपोर्ट हो रहा है गुजरात का नमक


गुजरात का नमक कारोबार

गुजरात का नमक ने यूरोप और अमेरिका के देशों को एक्सपोर्ट किया जा रहा है। यहां तक चीन भी भारतीय नमक का सबसे बड़ा खरीददार है।

गुजरात का नमक कारोबार का ज्यादातर हिस्सा इन दिनों यूरोप, अमेरिका और चीन में एक्सपोर्ट किया जा रहा है। यह कह सकते है कि कच्छ का नमक पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट किया जा  रहा है।‌

गुजरात भारत का ऐसा राज्य है, जहां सबसे ज्यादा नमक का उत्पादन कर देश में पहले नंबर पर है। नमक उत्पादन में दूसरे नंबर पर तमिलनाडु और तीसरे नंबर पर राजस्थान है

गुजरात में ज्यादातर नमक का उत्पादन कच्छ की खाड़ी और आसपास के इलाकों में होता है‌‌।  पिछले तीन सालों में  गुजराती नमक की मांग दुनियाभर में बढी है।

गुजरात के दांडी में ही 1930 में गांधीजी ने दांडी यात्रा निकालकर खुद नमक बनाकर अंग्रेजी कानून को तोड़ा था।‌ 


खाने में कम इस्तेमाल होता है

शायद आपको लग रहा होगा कि गुजरात के नमक में ऐसा क्या है, जो वो दुनिया में एक्सपोर्ट हो रहा है, तो हम ये भी बता देते हैं कि ये एक्सपोर्ट खाने का स्वाद बढ़ाने में नहीं, बल्कि किसी और काम के लिए हो रहा है। 

गुजराती नमक बड़े पैमाने पर अमेरिका, यूरोप और एशिया के वह देश इस्तेमाल कर रहे हैं, जहां भारी बर्फबारी होती है और सड़कों से इसे हटाना मुश्किल हो जाता है‌। ऐसी जगहों पर पहले बर्फ हटाने के लिए महंगे रसायन का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब उसका स्थान गुजरात के सस्ते नमक ने ले लिया है‌।


सड़कों से बर्फ हटाने के लिए इस्तेमाल 

गौरतलब है कि बर्फ पर नमक छिड़कने से ये तेजी से पिघलता है। नमक छिड़कने से वातावरण की तुलना में बर्फ का गलनांक कम हो जाता है, वातावरण का तापक्रम अधिक रहने से बर्फ जल्दी पिघल जाती है। बर्फ पिघल जाने से गाड़ियों के फिसलने का खतरा कम हो जाता है। पहले गुजरात से हल्की क्वालिटी का नमक भेजा जाता था, लेकिन अब इन देशों को अच्छी क्वालिटी का नमक भी भेजा जा रहा है।


दोगुने से ज्यादा बढ़ गया निर्यात

इंडियन साल्ट मेन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन (आईएसएमए) का कहना है कि गुजराती नमक कारोबार पिछले तीन सालों में चीन के रास्ते यूरोप और अमेरिका में एक्सपोर्ट कहीं दोगुने से ज्यादा बढ़ रहा है। नमक को चीन के रास्ते इसलिए भेजा जाता है, क्योंकि इससे इसकी ढुलाई ज्यादा सस्ती पड़ती है। 2015-16 में गुजरात से चीन के लिए नमक का एक्सपोर्ट लगभग 22.17 लाख टन था जो अब बढ़कर 40 लाख टन हो चुका है‌।

निष्कर्ष:

भारत में प्रतिवर्ष उत्पादित होने वाले 3 करोड़ टन नमक में से 80 प्रतिशत उत्पादन गुजरात में होता है।  जबकि गुजरात नमक निर्माण उद्योग का वार्षिक कारोबार लगभग 2,000 करोड़ रुपये है, सीमावर्ती राज्य अपने वार्षिक उत्पादन का लगभग 10 मिलियन टन चीन और जापान को निर्यात करता है, जिससे लगभग 700 करोड़ रुपये की कमाई होती है। हर साल लगभग 40 लाख टन नमक का निर्यात चीन को डी-आइसिंग और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। हालांकि जलवायु परिवर्तन के कारण 2021-22 में गुजराती नमक के उत्पादन में भारी गिरावट हुई है।

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