Ticker

6/recent/ticker-posts

नरेंद्र मोदी के 10 झूठ/झूठे दावे क्या है? Modi biggest lies


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 बड़े झूठ क्या है?

नरेंद्र मोदी के झूठे दावे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इतने सारे झूठे दावे किए हैं कि सभी को यहां लिखना संभव नहीं।‌ नरेंद्र मोदी के दस बड़े झूठे दावों को यहां वर्णन करने कि कोशिश की गई है:

1. कांग्रेस ने 70 साल में कुछ नहीं किया

मोदी जो कुछ भी कांग्रेस को दोष दे रहे हैं वह लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए एक पूर्ण झूठ है। यहाँ कुछ तथ्य हैं।

पिछले 70 वर्षों के दौरान भारत का जबरदस्त विकास हुआ है और सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों ने कुछ शानदार निर्णय लिए हैं जिसके कारण आज भारत एशिया की दूसरी सबसे बड़ी शक्ति है।

यहाँ कुछ अवलोकन हैं:

  • जब मोदी का जन्म भी नहीं हुआ था तब भारत पाकिस्तान से पहली जंग जीत चुका था
  • जब मोदी ने बोलना भी नहीं सीखा था, तब भारत पहले ही दुनिया के बेहतरीन संविधानों में से एक की रचना कर चुका था।
  • जब मोदी रेंगना सीख रहे थे, तब भारत पहले ही एशियाई खेलों की मेजबानी कर चुका था।
  • जब मोदी गुल्ली-डंडा खेल रहे थे, तब भारत ने भाखड़ा नंगल और रिहंद बांध बना लिए थे।
  • जब मोदी अक्षर सीख रहे थे (शायद "का, खा, गा), भारत में पहले से ही भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) था।
  • जब मोदी "लालटेन" (लालटेन) जलाना सीख रहे थे, तब भारत में तारापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र चालू हो गया था।
  • जब मोदी शर्ट पहनना भी नहीं जानते थे, तब दर्जनों आईआईटी, आईआईएम और सैकड़ों विश्वविद्यालयों ने हजारों शीर्ष श्रेणी के पेशेवर और स्नातक तैयार करना शुरू कर दिया था।
  • जब मोदी ने नाक पोंछना भी नहीं सीखा था, तब भारत में कई "नव रत्न" कंपनियां स्थापित हुईं।
  • जब मोदी अपनी पत्नी और मां को छोड़कर हिमालय भाग गए थे (इसकी सत्यता अभी भी संदिग्ध है), भारतीय सेना लाहौर में घुस गई थी और पाकिस्तानी सैनिकों को मार डाला था।
  • जब मोदी स्कूल में इतिहास पढ़ रहे थे, तब भारत ने पुर्तगालियों को भगाकर गोवा पर कब्जा कर लिया था।
  • इससे पहले कि मोदी अपना ज्ञान दांत पाते, इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने पहले ही काम करना शुरू कर दिया था।
  • मोदी के पास अपनी पहली पराली होने से पहले, हरित क्रांति ने भारत में परिणाम दिखाना शुरू कर दिया था और देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर हो गया था।
  • जब मोदी हाफ पैंट पहने हुए थे, तब भारत में हजारों बड़े और छोटे उद्योग फले-फूले थे।
  • जब मोदी ने "शाखा" में "निक्कर" पहनना शुरू किया था, तब इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश बनाया था और सैकड़ों और हजारों पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
  • जब मोदी अभी-अभी वयस्क हुए थे (कानूनी रूप से!), इंदिरा गांधी ने सिक्किम को एक भारतीय राज्य के रूप में मान्यता दी।
  • जब मोदी अपनी पत्नी को छोड़कर भाग गए, तब इंदिरा गांधी ने पहला परमाणु परीक्षण किया था।
  • जब मोदी साइकिल चलाना सीख रहे थे, तब भारत ने हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर बनाना शुरू कर दिया था।
  • जब मोदी अभी भी आरएसएस कार्यालय के फर्श की सफाई कर रहे थे, तब भारत में सुपर कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी पहले से ही स्थापित थी।
  • जब मोदी गुजरात में अपने ही वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ षडयंत्र रच रहे थे, तब पी.वी. नरसिम्हा राव ने भारत में आर्थिक उदारीकरण की पहल की थी।

इनके अलावा "चंद्र यान", मंगल मिशन, जीएसएलवी, मेट्रो, मोनो रेल, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, परमाणु पनडुब्बी, सैकड़ों मिसाइलें - "पृथ्वी", "अग्नि", "नाग", दर्जनों परमाणु हथियार, चेतक हेलीकॉप्टर,  मिग तेजस, अर्जुन टैंक, धनुष तोप…….  मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले भारत ने ये क्षमताएं हासिल कर ली थीं।


2. सबका साथ सबका विकास

यह सबसे बड़ा झूठ निकला, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के सेंट्रल हॉल में रखी संविधान की एक प्रति के सामने श्रद्धापूर्वक नमन किया था, लोकसभा में घुसने से पहले  संसद की सीढ़ियों पर  साष्टांग प्रणाम किया था, लगा था कि एक ऐसा प्रधानमंत्री बना है जो लोकसभा को मंदिर की तरह सम्मान दे रहा है। कुछ ही दिनों में यह भ्रम टुट गया और औरों की तरह यह भी हवा का बुलबुला ही निकला।

सबका साथ सबका साथ, सबका विकास (सभी के साथ एकजुटता, सभी के लिए विकास) के लिए सबका विश्वास (सभी का विश्वास) को जोड़ने के लिए  की गई बात एक जुमला निकला। चूंकि नरेंद्र मोदी संघ परिवार का ही उपज है, जिसके लिए हिंदुत्व भारतीय राष्ट्रीयता का केंद्र है, यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि वे जो उपदेश देते हैं, उसको पूरा भी करने में सक्षम होंगे।

हमें मोदी की एकता की पिच पर संदेह है क्योंकि उन्होंने एक बार गुजरात नरसंहार के पीड़ितों की तुलना कुत्ते के "पिल्लों" से की थी, उत्तर प्रदेश में श्मशान-कब्रिस्तान कहा था और वायनाड में "बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक" जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल की बात की थी। तथ्य यह है कि मोदी ने आक्रामक हिंदू राष्ट्रवाद का पालन करने के लिए राजनीति में अपनी अभूतपूर्व वृद्धि का श्रेय दिया है।  "समावेशीता" या "समावेशीता" के पक्ष में उनका भाषण मेरे लिए अधिक दृढ़ विश्वास नहीं ले सकता। वह राजनीति में धर्म के अतिक्रमण के खिलाफ बोल रहे होंगे न कि धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ। यदि अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए, इस बारे में प्रधानमंत्री का हृदय परिवर्तन होता है, तो हम खुशी-खुशी इसे अपने देश के लिए सबसे अच्छी बात मान सकते हैं, जिसमें विभिन्न धर्मों के लोग एक-दूसरे के साथ गाल-गलौज करते रहते हैं।

आज देश में अल्पसंख्यकों के उपर खुलेआम अत्याचार हो रहा है, भाजपा नेता अल्पसंख्यकों को खत्म करने की बात कर रहे हैं। जगह जगह धर्मसंसद के नाम पर मुस्लिमों को प्रति नफ़रत फैलाया जा रहा है।‌ देश में जातिगत भेदभाव चरम पर है। कुछ खास जाति के लोगों ने सत्ता पर कब्जा कर लिया और बाकियों के साथ भेदभाव हो रहा है। कुछ खास उद्योगपतियों को आगे बढ़ाया गया और देश को पिछे छोड दिया गया। सबका साथ सबका विकास का नारा भी फेल हो गया।

3. 100 दिनों में स्विस बैक अकाउंट वालों का नाम

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बने हुए सालों गुजर गए, काले धन का नाम भी नहीं ले रहे और चुप्पी साधे हुए हैं। बहुत सारे धोटालेबाज देश का पैसा लेकर विदेश भाग गए। काला धन आने के बजाय विदेश चला गया। स्विस बैंक द्वारा दिए गए नामों की घोषणा तक नहीं हुई।

मोदी की यह बात भी जुमला ही निकला।

4. गुजरात विकास मॉडल

यह झूठा प्रचार निकला, गुजरात में विकास के नाम पर सिर्फ प्रचार ही हुआ है। रिवर फ्रंट के खोखले विकास के दम पर मोदी देश को मूर्ख बनाते रहे। गुजरात में पिछले 27 सालों से बीजेपी की सरकार है, इसके अनेक हिस्सों में मेट्रो सेवा चालू हो गई थी लेकिन गुजरात में इस साल मेट्रो सेवा चालू हुआ। कोई एक ऐसा काम नहीं निकला जिसे गुजरात माॅडल कह सके।

युवाओं को रोजगार दे दिया जिसके कारण युवा गुजरात छोड़ने पर मजबूर हो गए। सबको नौकरी की तलाश में दूसरे राज्यों या विदेशों में जाना पड़ा। गरीबी चरम पर है और ग्रामीण इलाकों में सड़क, बिजली की व्यवस्था बहुत खराब है।

करप्शन जोरों पर है, हर क्षेत्र में कमीशनखोरों का दबदबा है, मोरबी ब्रिज का टूटना इसका जीता जागता उदाहरण है। ब्रिज के रखरखाव और संचालन का काम एक ऐसे अनुभवहीन प्राइवेट कंपनी को दिया जिसने चोरी की और मरम्मत के नाम पर लीपापोती की। नतीजा 140 से ज्यादा लोगों की मौत।गुजरात मॉडल मीडिया द्वारा बनाया गया एक जुमला था।

 

5. बैंक खाते में 15 लाख रुपए

मुझे सिर्फ 60 महीने दीजिए और मैं देश बदल दूंगा।

नोटबंदी से काला धन खत्म होगा। क्या ऐसा हो सका, नही हुआ। काला धन बढ़ गया, बाजार से 9 लख करोड़ के 2000 के नोट गायब हो गए। आज भी बाजार में नकली नोट मिल रहे हैं। खुलेआम कालाबाजारी हो रही है। न आतंकवादी खत्म हुए और नक्सली, सब कुछ वैसा का वैसा। नोटबंदी के नाम पर देश का अर्थव्यवस्था चौपट हो गई, देश पिछे चला गया।

6. भ्रष्टाचार को समाप्त करेंगे

भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए उनके द्वारा बताई गई उनकी महत्वाकांक्षा एक झूठ थी क्योंकि उनके इस देश के प्रधान मंत्री बनने के बाद से लोकपाल समिति भी स्थापित नहीं हुई है।

7. किसानों की आय दोगुनी करेंगे

किसानों की पीड़ा को समाप्त करने के उनके सभी वादे झूठे थे क्योंकि उनके शासन में किसानों को अधिक नुकसान होने लगा। किसान कानून के नाम पर किसानों के ऊपर अत्याचार किया गया, किसानों को सालों तक आंदोलन करने पड़े। सैकड़ों किसानों की मौत हुई, और आज भी किसान आत्महत्या कर रहे हैं। खाद बीज के दाम चरम पर है। किसानों को उपज की उचित मुआवजा नहीं मिल रही है। कुल मिलाकर मोदी किसान विरोधी ही निकले।


8. पेट्रोल डीजल सस्ता करेंगे

पेट्रोल, डीजल की कीमतों को लगभग 50 रुपये तक लाने का उनका वादा एक झूठ था। पेट्रोल की कीमत 2014 में 65 रुपए थी उसे आज ₹120 लीटर रुपए खरीदने को मजबूर है। डीजल भी ₹100 के आसपास बिक रही है। ₹375 वाला गैस सिलेंडर आज 1100 में बिक रहा है। जनता ऊंचे दामों पर इन सब चीजों को खरीदने पर मजबूर है और सरकार चुप।


9. दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष

20000000 रोजगार प्रतिवर्ष देने का नारा भी जुमला ही निकला। नौकरी देने की जगह नौकरियों के अवसरों को खत्म कर दिया गया। सरकारी कंपनियों को प्राइवेट कर नौकरियों को खत्म किया गया। देश के हर क्षेत्र में नौकरियों की बहाली नहीं हुई। छात्रों को आंदोलन करना पड़ा फिर भी कुछ नहीं हुआ। रेलवे में बहाली रुकी हुई है, स्कूल और कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है।

मोदी रोजगार देने में भी विफल रहे और उनका दावा झूठा निकला।


10. अच्छे दिन आएंगे

पिछले साल 8 साल के कार्यकाल में मोदी के अच्छे दिन का नारा भी जुमला ही निकला। देश के हर वर्ग के लोग परेशान हैं, युवाओं का कैरियर खत्म हो गया। किसान अपनी जमीन बेचने पर मजबूर है। उद्योग धंधे चौपट हो गया। गरीब और गरीब हो गया और गरीब देश के 80 करोड़ लोग मुफ्त के राशन के लाइन में लग गए। शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो गई।

निष्कर्ष

चुनाव नजदीक आते ही आप सभी को अपने-अपने फैसले लेने होते हैं। इसके साथ शुभकामनाएँ। मेरी एकमात्र आशा यह है कि हम सभी एक साथ रह सकते हैं और एक साथ काम कर सकते हैं - और एक बेहतर, मजबूत, गरीबी मुक्त और विकसित भारत बनाने में योगदान दे सकते हैं। वोट करते समय सही कैंडिडेट का चुनाव करें, झूठे वादे और जुमलो में विश्वास ना कर सही पार्टी को वोट देना चाहिए।

Also Read:



























Click here for Tulsi (Holi Basil) | Tulsi Medicinal Uses & Health Benefits

Click here for Mexican Mint | 10 Health Benefits of Indian Borage

Sadabahar (Madagascar Periwinkle) Medicinal uses & Benefits

Click here for Health Benefits & Nutrition of Moringa (Drumstick) Superfood.

Click here for Health Benefits & Nutrition Facts of flaxseed Superfood.

Click here for Health Benefits & Nutrition Facts of Sweet Potato Superfood.

Click here for Amla (Indian Gooseberry) Health Benefits and Nutrient.

Click here for Kiwi, the wonder fruit, Health Benefits & Nutrition of Kiwi

Click here for Ginger | Ginger Medicinal uses, Health Benefits & Nutrition

Click Here for health benefits of Tomatoes & nutrition Data

Click here for Covid-19  | Symptoms and Protection from Coronavirus.

Obesity | Obesity diet & tips for reducing weight



Watch Video on YouTube: 


Post a Comment

0 Comments